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अपने तरकश के तीरो को गिन मेरे जख्मों को गिनेगा तो थक जाएगा
#1MonthOfKashmirShutdown #SaveKashmiri #SaveKashmir #SaveKashmirFromModi

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कश्मीर को लेकर हर रोज़ कुछ न कुछ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ताज़ा तस्वीरें कश्मीर बंद के एक महीने पूरे होने के साथ शेयर की जा रही हैं। तस्वीरें बेहद दर्दनाक हैं, कहीं सड़कों पर खून है तो कहीं कोई बुरी तरह से ज़ख्मी दिखाई दे रहा है। ट्विटर पर @_Rakshanda नामक अकाउंट से ये तस्वीरें शेयर की गई हैं।
अपने तरकश के तीरो को गिन
मेरे जख्मों को गिनेगा तो थक जाएगा #1MonthOfKashmirShutdown#SaveKashmiri #SaveKashmir #SaveKashmirFromModi pic.twitter.com/ukboaKKidF
— हम सफ़र (@_Rakshanda_) September 3, 2019
#KashmirHour #نکلو_کشمیر_کیلئے
I visited at least half a dozen villages in the southern districts which have emerged as a hub of anti-India militancy in the past few years. I heard similar accounts from several people in all these villages of night raids, beatings and torture. pic.twitter.com/KrinedLNFy— True Insafian (@hafeez997m) August 30, 2019
#1MonthOfKashmirShutdown#SaveKashmiri #SaveKashmir #SaveKashmirFromModi pic.twitter.com/Xc2vHvaCz8
— Aleena (@Aleena1_) September 4, 2019


तस्वीर को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि अलग-अलग समूह में लोग जानवरों को लेकर बैठे हैं और उन्हें मार रहे हैं जिसे देखकर लगता है कि ये तस्वीर ईद-अल-अदा की हो सकती है पर कश्मीरियों पर अत्याचार से इसका कोई लेना देना नहीं है।

दूसरी तस्वीर जिसमें दो पुलिसकर्मी और एक नौजवान नज़र आ रहे हैं, नौजवान सड़क पर नज़र आ रहे खून को ढकने की कोशिश कर रहा है। वायरल तस्वीर को जब हमने Google Reverse Image Search पर खंगाला तो हमें पत्रिका का लेख मिला जिसमें वायरल तस्वीर को दिखाया गया है। लेख में तस्वीर को 2016 में श्रीनगर में हुए आतंकी हमले का बताया गया है।

तीसरी तस्वीर जिसमें एक मां अपने बच्चे को गोद में लिए हुए नज़र आ रही है। बच्चे के चेहरे पर खून और चोट के भी निशान हैं। Google Reverse Image की मदद से हमें FORAMPM FALAS TIN 7ORA का 2008 में छपा लेख मिला जिसमें लगाई गई तस्वीरों में ये तस्वीर भी शामिल थी। ये तस्वीरें गाजा पट्टी में जेबालिया शिविर में इजरायली मिसाइल हमले के बाद की बताई गई हैं। तस्वीर में दिख रही महिला का नाम समीरा बलूशा है जिसने इस हमले में अपनी 4 साल की बेटी को खो दिया।

आखिरी तस्वीर जिसमें एक बच्चा अपनी रोती हुई मां के आंसू पोछता दिख रहा है। Google की मदद से ये तस्वीर हमें The Telegraph के 2018 के एक लेख में मिली। तस्वीर श्रीनगर में सेना की गोली का शिकार हुए खालिद नाम के शख्स के अंतिम संस्कार की है।

इन सभी तस्वीरों का अनुच्छेद 370 के हटने से कोई ताल्लुक नहीं है। इनके जरिए सोशल मीडिया में केवल भ्रम फैलाया जा रहा है।
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Result: Misleading
JP Tripathi
July 6, 2019
Rangman Das
August 18, 2023
Arjun Deodia
February 21, 2022