रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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बक़रीद के मौके पर कराची में हुई गोहत्या की 7 साल पुरानी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim-   Today, millions of innocent animals are going to be slaughtered and bled to a slow, painful death- all in the name of religion. No God would ever want to take a life in order to appease him. Celebrate but have a #BloodlessEid
( हिंदी अनुवाद)
आज लाखों निर्दोष जानवरों को काट कर उनका खून बहाकर उन्हें दर्दनाक मौत दी जाएगी, सिर्फ मजहब के नाम पर। कोई भगवान खुद को खुश करने के लिए किसी की बलि नहीं चाहता। ईद मनाओं लेकिन खून के बिना।
Verification- 
बकरीद के इस मौके पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के वायरल सन्देश देखे जा सकते हैं। ऐसे ही एक सन्देश को सोशल मीडिया पर 200 से ज्यादा बार शेयर किया गया है और 300 से ज्यादा बार लाइक किया गया है। सन्देश में निर्दोष जानवरों के साथ हो रही क्रूरता की दिल दहला देने वाली तस्वीरें साझा की गयी हैं। तस्वीरें पोस्ट करने वाले का दावा है कि इसी क्रूरता के साथ आज बकरीद पर हज़ारों निर्दोष जानवरों को काटा जायेगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि कोई भगवान खुद को खुश करने के लिए किसी की जान कि बलि नहीं मांगता।
हमने वायरल तस्वीरों का सच जानने के लिए गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें denverpost नामक वेबसाइट के लेख पर वायरल हो रहीं तस्वीरों में से एक तस्वीर प्राप्त हुई।
लेख के मुताबिक प्राप्त तस्वीर कराची में बकरीद के दौरान की है जिसे साल 2012 में क्लिक किया गया था। हमने दूसरी तस्वीर की पड़ताल के लिए गूगल पर दूसरी तस्वीर को खोजा। जहां हमें barenakedislam नामक वेबसाइट का लिंक प्राप्त हुआ।
वायरल तस्वीर साल 2015 में भी शेयर की गयी थी। हमारी पड़ताल में प्राप्त तस्वीरें काफी पुरानी हैं जिसे आज के समय में शेयर करने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
Tools Used 
  • Google Reverse Image Search
  • Google Search

Result

Misleading

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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