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Claim
हरियाणा के नूह में मुसलामानों द्वारा हिंदुओं पर हो रहा जुल्मों सितम।
Verification
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर जिसमें दावा किया जा रहा है कि “नूह में हिंदुओं शांति बनाए रखो, साहब विश्वास जीतने में व्यस्थ हैं, उनको डिस्टर्ब ना करें, हिंदुओं की मौत का सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा ये मॉब लिंचिंग नहीं है, विश्वास जीतने की कीमत है, कल आपकी या मेरी जान भी जा सकती है”…!
नूह – हिंदुओं शांति बनाये रखो, साहब विश्वास जीतने में व्यस्त हैं, उनको डिस्टर्ब ना करें, हिंदुओं की मौत का सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा ये मॉब लिंचिंग नहीं है, विश्वास जीतने की क़ीमत है, कल आपकी या मेरी जान भी जा सकती है..! https://t.co/95l6kNqnJF
— छोटे नेताजी (@AkalLess) July 27, 2019
पड़ताल के दौरान जब इस खबर से संबंधित जानकारी निकाली तो हमें कई खबरें मिली, जिन्हें आप यहां नीचे भी देख सकते हैं।
दरअसल, मेवात में नवीन यादव नाम के एक वकील पर हमला हुआ था जिसके चलते उन्हें गंभीर चोटें आई थी। इस बात की पुष्टि दैनिक भास्कर के एक लेख से हो जाती है।
वायरल लेख में जिस तस्वीर का दावा किया गया है उसके बारे में हमने पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान हमें Guardian और Reuters का लेख मिला जिसकी मदद से हम सही जानकारी तक पहुंचे।
पड़ताल में हमें पता लगा कि खबर तो सही है लेकिन जिस तस्वीर को खबर के साथ अटैच किया गया है वह बांग्लादेश के ढाका की है। इसके साथ ही यह भी मालूम हुआ कि नूह में वकील पर किसी धर्म विशेष ने हमला नहीं किया था बल्कि यह दो गुटों के बीच की लड़ाई थी।
खबर के साथ अटैच किए गए चित्र की बात करें तो यह साल 2012 में बांग्लादेशी मुसलमानों द्वारा US और इजरायल के झंडों को जलाकर किए गए प्रदर्शन के दौरान की है। उस दौरान बांग्लादेशी मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन में नारेबाजी भी की। एक फिल्म में पैगंबर मोहम्मद के अपमान में बांग्लादेशी मुसलमानों ने ढाका में सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया था। लोगों को भ्रमित करने के लिए सोशल मीडिया पर गलत तथ्यों के इस इस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है।
हमारी पड़ताल में पता चला कि नूह में वकील नवीन यादव पर हमला हुआ था लेकिन यह किसी धर्म विशेष द्वारा ना होकर दो पक्षों का संघर्ष था। खबर के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की गई भीड़ की तस्वीर नूह की ना होकर बांग्लादेश की है।
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