शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस के वेश में AVBP कार्यकर्ता ने भांजी लाठियां ? जानें पूरा सच

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- 
छात्रों को कल मारने वाले पुलिस नही तड़ीपार गुंडे थे… ये देखो भरत शर्मा…

Verification- 

रविवार और सोमवार को जामिया यूनिवर्सिटी छात्रों द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित किये गए प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई पर सोशल मीडिया में कई सवाल उठ रहे हैं। इसी कड़ी में कुछ यूजर्स द्वारा दो तस्वीरें शेयर कर दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया जा रहा है।

वायरल पोस्ट की तस्वीरों में एक तरफ दिल्ली से ABVP राज्य समिति के सदस्य तथा RSS स्वयंसेवक ‘भरत शर्मा’ नामक युवक की फेसबुक प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। दूसरी तस्वीर में एक युवक को बुलेट प्रूफ जैकेट पहने दिखाया जा रहा है। तस्वीरों को शेयर करने वाले सभी यूजर्स का दावा है कि दिल्ली पुलिस ने जामिया छात्रों के प्रदर्शन को भंग करने के लिए RSS व ABVP के कार्यकर्ताओं को टीम में शामिल कर लिया था।

दावे को देखने पर इसके fake होने का अंदेशा हुआ क्योंकि दिल्ली पुलिस द्वारा ऐसा करना अप्रासंगिक है। अब हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। सबसे पहले हमने फेसबुक पर भरत शर्मा नामक युवक की खोज की। फेसबुक पर हमे उसकी तस्वीर के साथ एक अकाउंट प्राप्त हुआ।
लेकिन प्रोफाइल में ABVP व RSS जैसा कोई जिक्र नहीं पाया गया। दिल्ली से ABVP के सदस्य Ashutosh Thakur से भी संपर्क किया जहाँ उनका कहना था कि वह भरत शर्मा को व्यक्तिगत रूप से जानते है, इसलिए वह पूरे भरोसे के साथ इस बात कि पुष्टि कर कर सकते हैं कि पुलिस की जैकेट और लाठी के साथ दिखने वाला युवक भरत शर्मा नहीं है। साथ ही ट्विटर पर स्क्रॉलिंग करते वक्त हमें एक दावा ऐसा भी प्राप्त हुआ जहां NSUI के अध्यक्ष Akshay Lakra ने मारपीट कर रहे युवक का वीडियो शेयर करते हुए बताया कि वह ABVP का सदस्य ‘भरत शर्मा’ है।
ट्विटर पर हमें भरत शर्मा का ट्वीट प्राप्त हुआ जहां उसने इस बात को स्वीकार करते हुए बताया है कि, वीडियो में दिखने वाला व्यक्ति वह स्वयं है और उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मासूम बच्चों पर हमला किया जा रहा था। छात्राओं पर अभद्र टिप्पणी की जा रही और उन्हें परीक्षा देने से रोका जा रहा था।
वायरल तस्वीर में पुलिस के औजारों के साथ दिखने वाले युवक की कद-काठी और आकार का मिलान भरत शर्मा की वायरल वीडियो से ली गयी तस्वीर से किया। परिणाम स्वरूप हमें दोनों ही तस्वीरों में कोई भी समानता नजर नहीं आयी।
अब हमने दिल्ली पुलिस के ‘दक्षिण-पूर्व  DCP‘ से संपर्क किया जहां उन्होंने ANI न्यूज़ को दिए बाइट का लिंक फारवर्ड करते इस बात की शिनाख़्त की कि पुलिस की जैकेट व लाठी के साथ दिखने वाला युवक ‘भरत शर्मा’ नहीं है बल्कि दिल्ली पुलिस कांस्टेबल अरविन्द कुमार है।
ANI की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख में दक्षिण-पूर्व के DCP द्वारा दिए गए बयान को कोट किया गया है जहां उनहोंने बताया कि पुलिस औजारों के साथ आम नागरिक की पोशाक में दिखने वाले व्यक्ति पुलिस कांस्टेबल Arvind Kumar हैं।
इसके साथ ही ट्विटर पर वायरल दावे से संबंधित कई अन्य दावे भी प्राप्त हुए, जो प्रत्यक्ष रूप से दिल्ली पुलिस के काम-काज और तौर तरीकों पर सवाल उठाते हैं।
इन तस्वीरों को शेयर कर दिल्ली पुलिस से यह सवाल पूछा गया है कि पुलिस की आधी अधूरी पोशाक में आम नागरिक वहां क्या कर रहे थे। और उनके औजारों के साथ प्रदर्शन में बुलाये गए जवानों में कैसे शामिल हो गए।
newschecker.in द्वारा की गई पड़ताल के दौरान scoopwhoop. की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख से पता चला कि दिल्ली पुलिस ने कई मीडिया संस्थानों को यह बताया है कि आम नागरिक की पोशाक में दिख रहे युवक सामान्य नागरिक नहीं बल्कि उनकी टीम का हिस्सा हैं।
असल में वह Anti Auto Theft Squad (AATS) का जवान है जिन्हें प्रदर्शन नियंत्रण का कार्यभार संभालने की ज़िम्मेदारी दी गयी थी।
इन सभी तथ्यों को पढ़ने के बाद newschecker.in की पड़ताल में यह साबित होता है कि वायरल हो रहे दावे गलत हैं।
Tools Used
  • Google Search
  • Police Verification
  • Phone Call
Result- False 
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Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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