शनिवार, नवम्बर 2, 2024
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ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने देवी-देवताओं के नाम पर साल 1818 में नहीं जारी किये थे सिक्के, भ्रामक दावा वायरल

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim-  

Do you know that two anna coin was released in 1818 by East India Company; and you will be surprised to see the other side of the coin.
हिंदी अनुवाद
क्या आपको पता है ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1818 में दो आने का सिक्का जारी किया था, आप सिक्के के दूसरे पहलू को देखकर आश्चर्यचकित होंगे।
Verification– 
अमृत राज नामक ट्विटर हैंडल से पुराने जमाने के दो सिक्कों की तस्वीरें शेयर की गई है। पहले में ओम का चिह्न है तो दूसरे सिक्के में प्रभु राम, सीता लक्ष्मण और भरत का चित्र है। इन चित्रों के नीचे श्री राम दरबार लिखा गया है। ट्वीट में दावा किया गया है कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1818 में दो आने का सिक्का जारी किया था, आप सिक्के के दूसरे पहलू को देखकर आश्चर्यचकित होंगे।
हमनें इस सिक्के को लेकर पड़ताल शुरू की तो यही दावा करने वाला एक और ट्वीट मिला।
इसके अलावा फेसबुक पर हमें इसी दावे वाले कई पोस्ट देखने को मिले।
साथ ही हमें इसके बारे में फेसबुक पर पर ही एक वीडियो मिला
हमने इन दावों को लेकर पड़ताल को आगे बढ़ाया और गूगल में इससे संबंधित जानकारी खोजी तो हमें विकीपीडिया की वेबसाइट में प्रकाशित एक लेख मिला जिसमें ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिशों द्वारा जारी किए गए सिक्कों के बारे में जानकारी दी गई है। इन सिक्कों में कहीं पर भी वायरल सिक्के शामिल नहीं है।
खोज के दौरान हमें बीबीसी हिंदी की वेबसाइट में पिछले साल प्रकाशित हुआ एक लेख मिला जिसमें वायरल सिक्कों के बारे में जानकारी दी गई है।
लेख के अनुसार
लोगों ने ये भी दावा किया है कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 17वीं शताब्दी में हिंदुओं का सम्मान करने के लिए अपने सिक्कों पर भारतीय देवी-देवताओं के चित्रों का इस्तेमाल किया था. पर ये दावे भी फ़र्ज़ी हैं.इस संबंध में हमने यूके के ऐशमोलियन संग्राहलय के सिक्का विशेषज्ञ शेलेंद्र भंडारे से बात की.उन्होंने हमें बताया, “मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इन ऐतिहासिक दिखने वाले सिक्कों को तैयार किया गया है. ऐसे सिक्कों का इस्तेमाल आज भी धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है. फ़कीर और साधु भी अक्सर इन सिक्कों के प्रयोग को बढ़ावा देते हैं. ये लोग अक्सर ग़रीबों और निःसंतान लोगों को ऐसे सिक्के रखने की सलाह देते हैं.” “लेकिन इन सिक्कों को किसी भी तरह से ऐतिहासिक नहीं कहा जा सकता है.”
 
इससे साफ होता है कि ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1818 में भारतीय देवी-देवताओं के चित्रों वाले सिक्के जारी नहीं किए थे। सोशल मीडिया में भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं। 
 
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Result- False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करेंcheckthis@newschecker.in)

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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