Claim–
शिवसेना को समर्थन न दें कांग्रेस, जमात- उलेमा-ए- हिंद ने लिखा सोनिया गांधी को पत्र
Verification–
मराठी समाचार पत्र महाराष्ट्र टाइम्स के ट्विटर हैंडल से एक खबर शेयर की गई है जिसमें लिखा है कि जमीयत उलेमा-ए- हिंद ने सोनिया गांधी से पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस शिवसेना को समर्थन न दें अन्यथा इसके हानिकारक परिणाम होंगे।
खबर की सच्चाई जानने के लिए हमनें गूगल खंगाला तो इसी दावे वाले कुछ ट्वीट मिले जिसमें रिपब्लिक वर्ल्ड वेबसाइट में प्रकाशित खबर का हवाला दिया गया था।
वहीं गूगल में कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर इस खबर के कई रिजल्ट सामने आए।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को खींचतान जारी है. सरकार बनाने के लिए दिल्ली से लेकर मुंबई तक हाई प्रोफाइल मीटिंग्स चल रही हैं. इसी बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद(Jamiat Ulema-e-Hind) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखकर शिवसेना(Shiv Sena) का समर्थन न करने की अपील की है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद(Jamiat Ulema-e-Hind) ने कहा कि कांग्रेस द्वारा शिवसेना को समर्थन देने का फैसला कांग्रेस के लिए हानिकारक होगा।
इसके अलावा
न्यूज स्टेट की वेबसाइट पर भी यह खबर प्रकाशित हुई है। खबर में लिखा है-
जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने सोनिया गांधी से अपील की है कि वो शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार ना बनाए. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ अरशद मदनी ने पत्र लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की कि महाराष्ट्र में शिवसेना की मदद नहीं करें. इससे कांंग्रेस पर बुरा असर पड़ेगा।
इसके अलावा यह खबर
न्यूज नेशन की वेबसाइट के अलावा अन्य कई न्यूज वेबसाइट पर देखने को मिली।
इन खबरों में हमें जमीयत उलेमा-ए- हिंद संगठन के प्रमुख अर्शद मदानी द्वारा सोनिया गांधी को लिखा पत्र भी देखने को मिला जिसे आप नीचे देख सकते हैं।
खोज के दौरान जमीयत उलेमा-ए- हिंद के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया ट्वीट मिला जिसमे लिखा है कि संगठन के नाम से फेक लेटर वायरल किया गया है। संगठन ने ऐसा कोई लेटर नहीं लिखा है।
हमनें इस बारे में मौलाना अरशद मदानी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हुआ लेकिन उनके पीए फज़ल अरशद मदनी ने बताया कि मीडिया में जमीयत उलेमा-ए- हिंद को लेकर भ्रामक खबर चलाई जा रही है। हमनें कल ही सभी चैनलों को इस बारे में सूचित किया था। यहाँ
ऑडियो को सुना जा सकता है।
इससे साफ होता है कि जमीयत उलेमा-ए- हिंद ने ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिवसेना को समर्थन न देने की अपील नहीं की थी। फर्जी पत्र के आधार पर प्रतिष्ठित मीडिया चैनलों और न्यूज वेबसाइट में गलत खबर चलाई गई।
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