गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
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जोधपुर की है वायरल हो रही तस्वीर, इलाहाबाद युनिवर्सिटी में हुई रेड से इसका नहीं है कोई सरोकार

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
आतंकवाद का नया अड्डा इलाहाबाद विश्वविद्यालय हॉस्टल 25 छात्र बम बनाते पकड़े गए 58 कमरे सील। 

Verification
इन दिनों सोशल मीडिया में एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर इलाहाबाद की है। तस्वीर में एक पुलिस अफसर और सिपाही के साथ कुछ युवक नीचे बैठे दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर पोस्ट करने वाले का दावा है कि इलाहबाद युनिवर्सिटी के कमरा नंबर 58 में 25 छात्रों को बम बनाते पकड़ा गया है। दावे की सत्यता जानने के लिए वायरल खबर को गूगल में कुछ कीवर्ड्स की मदद से खंगाला। इस दौरान आए नतीजों को नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।
दिख रहे नतीजों में वायरल तस्वीर का कोई जिक्र नहीं था। लेकिन गूगल पर आये नतीजों के मुताबिक अप्रैल 2019 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों को बम बनाते पकड़ा गया था। मामले की तह तक जाने के लिए बारीकी से खोजने पर ‘अमर उजाला’ का एक लिंक प्राप्त हुआ जहां खबर की पूरी जानकारी प्राप्त हुई। वीडियो में बताया गया है कि यह घटना तारा चाँद हॉस्टल की है जहाँ पुलिस को एक देसी बम और बम बनाने का सामान प्राप्त हुआ था। हालाँकि इस खबर से वायरल तस्वीर का कुछ भी पता नहीं चल पाया।
वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए खोज जारी रखी। इस दौरान हमें ‘न्यूज़ 18’ का एक लेख प्राप्त हुआ।  इस लेख में वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है।

लेख को पढ़ने के बाद पता चला कि वायरल तस्वीर का इलाहाबाद से कोई ताल्लुक नहीं है। यह तस्वीर जोधपुर की है। खबर के मुताबिक जोधपुर पुलिस द्वारा मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हाथ लगी थी। इस दौरान पुलिस ने मध्य प्रदेश के चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से करीब एक करोड़ रुपए कीमत की 700 ग्राम स्मैक सहित एक देसी कट्टा और चार दर्जन से ज्यादा जिंदा कारतूस भी बरामद किया।

कई लेखों को पढ़ने के बाद यह साबित हो गया कि वायरल हो रही तस्वीर में किया जा रहा दावा पूरी तरह से भ्रामक है।

Tools Used 

  • Google Search
  • Reverse Image Search

Result- Misleading

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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