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9 नवंबर को अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को हिंदू पक्ष को सौंप दिया। जिसके बाद राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया। फैसला आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई तरह की ख़बरें शेयर की गई जिनमें से कई फेक थीं।
1. कुछ ऐसा दिखेगा राम मंदिर
सोशल मीडिया पर इस तरह की कई तस्वीरें शेयर करते हुए दावे किए गए कि अयोध्या में राम मंदिर ऐसा बनेगा। हालांकि अभी तक राम मंदिर का कोई भी ब्लू प्रिंट तैयार नहीं किया गया है। न ही इसके बारे में मुख्यधारा की मीडिया में कोई जानकारी आई है।
2. सुप्रीम कोर्ट का आदेश तीन महीने में तैयार करना होगा राम मंदिर
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए जहां मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने की बात कही थी। वहीं राम मंदिर के लिए केंद्र सरकार को 3 महिने के अंदर एक ट्रस्ट गठित करने का आदेश दिया था। साथ ही राम मंदिर के लिए एक प्लान तैयार करने को भी कहा था। कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से सोशल मीडिया पर फैलाया गया।
3. राम मंदिर के लिए तिरुपति बालाजी देगा 100 करोड़ रूपए
फेसबुक और ट्विटर पर ये दावा तेज़ी से वायरल हुआ कि तिरुपति बालाजी ने ऐलान किया है कि वो राम मंदिर निर्माण के लिए 100 करोड़ रूपए दान करेगा। हालांकि ये ख़बर गलत निकली तिरुपति बालाजी ने इस तरह का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। हालांकि पटना के हनुमान मंदिर द्वारा 10 करोड़ रुपए दिए जाने और तिरुपति बालाजी के 1 करोड़ देने की ख़बर मीडिया में जरूर आई है।
4. योगी आदित्यनाथ को बनाया गया राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष
अयोध्या पर आए फैसले के कुछ ही दिन बाद ये ख़बर भी आने लगी कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त कर लिया गया है जबकि विश्व हिंदू परिषद ने प्रस्ताव रखा है कि ट्रस्ट में गृह मंत्री अमित शाह और योगी आदित्यनाथ को शामिल किया जाए।
5. प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या पर हिंदूओं के हक में फैसले के लिए CJI को धन्यवाद करने के लिए लिखा पत्र
प्रधानमंत्री के नाम से एक पत्र सोशल मीडिया पर शेयर किया गया जिसमें अयोध्या पर फैसला सुनाने के लिए प्रधानमंत्री CJI रंजन गोगोई का धन्यवाद कर रहे हैं। इस पत्र को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि इसे एडिट किया गया है और लोगों के बीच भ्रम पैदा करने की नीयत से इसे फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा है। इसकी जानकारी बांग्लादेश हाई कमिशन से भी दी गई है।
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