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मुकेश अम्बानी ने राम मंदिर निर्माण हेतु यूपी के सीएम को नहीं दिए 500 करोड़ रुपये, पुरानी फोटो वायरल

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim-

अंबानी परिवार ने राम मंदिर निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए दिए। 

Verification
ग्रेट महाराणा प्रताप ट्विटर हैंडल से मुकेश अंबानी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर शेयर की गई है। इस ट्वीट में लिखा है कि अंबानी परिवार ने राम मंदिर निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए दिए हैं।
वायरल पोस्ट को लेकर हमनें पड़ताल शुरू की तो इसी दावे वाला एक और पोस्ट नज़र आया।
इसके अलावा फेसबुक पर भी इसी दावे वाले कई पोस्ट शेयर किए गए हैं।
हमनें इन पोस्ट में शेयर की गई योगी आदित्यनाथ और अंबानी की फोटो को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा तो इसकी हकीकत सामने आई। यह फोटो दो साल पुरानी है। योगी आदित्यनाथ और अंबानी की मुलाकात मुंबई मे हुई थी उस समय की है। इसकी खबर उस समय दैनिक जागरण समेत कई समाचार माध्यमों में छपी थी।
योगी आदित्यनाथ ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर यह तस्वीर शेयर की थी।
इससे साफ हुआ कि योगी आदित्यनाथ और मुकेश अंबानी की तस्वीर अयोध्या फैसले के बाद की नहीं बल्कि दो साल पुरानी है। वहीं हमनें गूगल में अंबानी परिवार ने राम मंदिर के लिए 500 करोड़ रुपए दिए इन कीवर्ड्स की मदद से खोज की तो मनी भास्कर की वेबसाइट में प्रकाशित खबर मिली। इस खबर में लिखा गया है कि 100 करोड़ की लागत से राम मंदिर बनेगा। लेकिन इसमें कहीं पर भी अंबानी द्वारा मंदिर के लिए रुपए दिए जाने की जानकारी नहीं दी गई है।
इससे स्पष्ट होता कि अंबानी परिवार ने मंदिर निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपए नहीं दिए हैं और न ही एलान किया है। सोशल मीडिया में राम मंदिर निर्माण को लेकर भ्रामक दावे फैलाए जा रहे हैं।
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Result- False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करेंcheckthis@newschecker.in)

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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