Claim
कुछ महिलाओं और युवकों को पत्थरबाजी करते हुए दिखाया गया है। चित्र के कैप्शन में लिखा है कि हर शुक्रवार नमाज़ अदा करने के बाद ऐसा करने से तो बेहतर ही है कांवड़ियों द्वारा चिलम फूंकना।
Verification
सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों को एक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल तस्वीर में एक युवक और युवती को पत्थर मारते हुए देखा जा सकता है, दावा किया जा रहा है कि इन्हीं की तरह हर मुसलमान शुक्रवार की नमाज़ अदा करने के बाद ऐसे ही दूसरों पर पत्थरबाजी करता है। असल में यह दावा कुछ कथित कांवड़ियों द्वारा चिलम फूंकने पर हुए कटाक्ष के बाद किया गया है। क्या सच में हर शुक्रवार को नमाज़ के बाद इस तरह की पत्थरबाजी होती है इसकी सत्यता जानने के लिए हमने पोस्ट के कीवर्ड्स को गूगल पर खंगाला।
खोज में कोई ठोस सबूत हाथ न लगने पर हमने तस्वीरों को खंगालना शुरू किया। इस दौरान कुछ न्यूज़ वेबसाइट और ब्लॉग्स पर अलग-अलग तारीखों में वायरल तस्वीरें प्राप्त हुई। नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट्स पर वायरल तस्वीरों को देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें
टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित साल 2017 का एक लेख प्राप्त हुआ। खबर में वायरल तस्वीर को दर्शाया गया है। लेख के मुताबिक पत्थर फेंकती युवती 23 साल की अफसाना है, जो जम्मू-कश्मीर महिला फुटबाल टीम की कप्तान भी है।
खोज के दौरान ही हमें
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर मिली। खबर के मुताबिक़ यह तस्वीर 30 मार्च 2017 की है जब श्रीनगर में एक प्रदर्शन के बाद सैनिकों पर कश्मीरी युवाओं द्वारा पत्थरबाजी की गई थी।
लेख में तस्वीरों को देखने के बाद यह साबित होता है कि वायरल तस्वीरें पुरानी हैं। सोशल मीडिया में इनका इस्तेमाल सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही हर शुक्रवार को इस तरह की घटना होने की बात भी सही नहीं है।
Tools used
- Google Search
- Twitter Advanced Search
- Google Reverse Image Search
Result- False