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गिरफ्तारी के डर से भारत छोड़कर भागे स्वयंभू बाबा नित्यानंद ने ‘हिंदू संप्रभु राष्ट्र’ की घोषणा की है। अपने देश का नाम कैलासा बताने वाले नित्यानंद के पास इसका प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल भी है। इस देश की वेबसाइट (https://kailaasa.org/) में इसके बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद है। नित्यानंद ने इस देश का नया ध्वज, नया संविधान तथा नया प्रतीक चिह्न भी तय कर लिया है। वेबसाइट में देश के लिए चंदा देने का आह्वान भी किया गया है, जिसके ज़रिये चंदा देने वाले ‘महानतम हिन्दू राष्ट्र‘ की नागरिकता पाने का अवसर हासिल कर सकते हैं।
अमेरिका से शुरू हुआ ‘कैलासा अभियान’

इस वेबसाइट को 21 अक्टूबर, 2018 को बनाया गया था, और इसे आखिरी बार 10 अक्टूबर, 2019 को अपडेट किया गया था। वेबसाइट का रजिस्ट्रेशन पनामा में किया गया था, और इसका IP अमेरिका के डलास में है। वेबसाइट के अनुसार, कैलासा सीमारहित राष्ट्र है, जिसका निर्माण दुनियाभर में बेदखल कर दिए गए उन हिन्दुओं ने किया है, जो अपने–अपने देश में प्रामाणिक रूप से हिन्दुत्व का पालन करने का अधिकार गंवा चुके हैं। कैलासा अभियान की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई, और इसकी अगुवाई वही हिन्दू आदि शैव अल्पसंख्यक समुदाय कर रहा है, जिसके लिए इसकी स्थापना हुई है, और यह समूची दुनिया के सताए हुए हिन्दुओं और हिन्दू बनने के इच्छुक लोगों के लिए सुरक्षित स्थान है, चाहे उनकी नस्ल, लिंग, समुदाय, जाति और पंथ कुछ भी हो, जहां वे शांति से रह सकते हैं, और निंदा, हस्तक्षेप व हिंसा से मुक्त रहते हुए अपनी आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति को अभिव्यक्त कर सकते हैं।

कैलासा का है अपना प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल

वेबसाइट के मुताबिक, इस हिन्दू राष्ट्र का अपना ध्वज भी है, जिसे ‘ऋषभ ध्वज‘ के रूप में जाना जाता है, जिसमें भगवान शिव के वाहन नंदी के साथ खुद नित्यानंद मौजूद है। ‘कैलासा‘ में कई सरकारी विभाग भी होंगे, जिनमें शिक्षा, वित्त, वाणिज्य आदि शामिल हैं। इनके अलावा ‘कैलासा‘ में एक ‘प्रबुद्ध नागरिकता विभाग‘ भी होगा, जो सनातन हिन्दू धर्म को पुनरुज्जीवित करने की दिशा में काम करेगा।
इक्वाडोर के प्राइवेट आइलैंड में है नित्यानंद का कैलासा!

ये राष्ट्र कहां है इसके बारे में इस वेबसाइट पर कोई जानकारी नहीं है लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये एक निजी द्वीप (Private Island) है जिसे एक्वाडॉर से खरीदा गया है। जो कि त्रिनिदाद और और टोबैगो के नजदीक पड़ता है। नित्यानंद को अहमदाबाद में उसके आश्रम के लिए अनुयायियों से चंदा एकत्र करने की खातिर बच्चों को कथित रूप से अगवा कर कैद में रखने के लिए गुजरात पुलिस तलाश रही है वहीं कहा जा रहा है कि वो नेपाल के रास्ते एक्वाडॉर भाग गया है।

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