रविवार, नवम्बर 17, 2024
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PM मोदी के लिए सियोल शांति पुरस्कार, फिलिप कोटलर अवार्ड्स मादी शर्मा ने किए थे आयोजित?

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Claim

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलने वाले सियोल शांति पुरस्कार, फिलिप कोटलर अवार्ड्स तथा EU सांसदों के कश्मीर भ्रमण को मादी शर्मा ने किया आयोजित।

 

 

Verification

यह दावा हमें व्हाट्सएप पर प्राप्त हुआ. बता दें भारत सरकार द्वारा यूरोपियन सांसदों को कश्मीर का हाल जानने के लिए अनुमति देने के बाद से ही भारत में काफी हो हल्ला मचा है. विपक्ष जहां इसे भारतीय लोकतंत्र का परिहास बता रहा तो वहीं सत्ता पक्ष के समर्थक इसे कश्मीर मसले को लेकर भारत की बड़ी जीत बता रहे हैं. चूंकि इस तस्वीर में मादी शर्मा और प्रधानमंत्री मोदी को लेकर काफी गंभीर दावे किए जा रहे थे इसलिए हमने इस दावे की पड़ताल शुरू की.

 

पहला दावा: प्रधानमंत्री मोदी को सियोल शांति पुरस्कार दिलवाने के पीछे था मादी शर्मा का हाथ!

 

वायरल हो रहे पोस्ट में सबसे पहला दावा यह किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को प्राप्त सियोल शांति पुरस्कार की आयोजक मादी शर्मा थी. आइए जानते हैं इस दावे का सच.

 

क्या है सियोल शांति पुरस्कार?

 

सियोल शांति पुरस्कार 1990 में शुरू किया गया था. 1988 में दक्षिण कोरिया के सियोल में आयोजित 24वें ओलंपिक खेलो की सफलता के बाद सियोल शांति पुरस्कार की शुरुआत हुई थी. दक्षिण कोरिया में ऐसी अवधारणा है कि 24वें ओलंपिक खेलो के सियोल में आयोजन के बाद पूर्वी और पश्चिमी देशों के बीच वैमनस्य कम हुआ और इस प्रकार शांति की स्थापना हुई. सियोल शांति पुरस्कार के बारे में अधिक जानकारी सियोल शांति पुरस्कार के आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है.

 

서울평화상문화재단

The Seoul Peace Prize was established in 1990 to commemorate the success of the 24th Olympic Games held in Seoul, Korea, an event in which 160 nations from across the world took part, creating harmony and friendship.

 

प्रधानमंत्री मोदी और सियोल शांति पुरस्कार

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2018 में सियोल शांति पुरस्कार दिया गया था. सियोल शांति पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यतः भारत की आर्थिक स्थिति सुधारने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापना के लिए यह अवार्ड दिया गया था.

 

क्या मादी शर्मा उनके द्वारा सचालित WESTT NGO था सियोल शांति पुरस्कार का आयोजक?

 

सियोल शांति पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार सियोल शांति पुरस्कार कमेटी में 1300 नोमिनटर्स शामिल हैं. ये 1300 नोमिनटर्स मशहूर कोरियाई या वैश्विक हस्तियां होती हैं जो राजनीति, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल जगत या फिर शिक्षा आदि क्षेत्रों में अपने अहम योगदान के लिए मशहूर लोग होते हैं. बता दें, सियोल शांति पुरस्कार पाने की एक स्थापित प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में नोमिनटर्स के द्वारा नॉमिनेशन, प्रस्तावित नामों की छटनी तथा वोटिंग के पश्चात ही अंतिम नाम का चयन होता है.

 

 

 

अब चूंकि हमें सियोल शांति पुरस्कार के विजेता के चयन से संबंधित तमाम जानकारियां हासिल हो चुकी है तो हम यह देख सकते हैं कि मादी शर्मा का सियोल शांति पुरस्कार का विजेता चुनने में कोई योगदान नहीं है.

बता दें, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सियोल शांति पुरस्कार प्राप्ति के बाद मादी शर्मा ने इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, इससे इस बात को बल मिलता है कि प्रधानमंत्री मोदी को सियोल शांति पुरस्कार दिए जाने में मादी शर्मा का कोई हाथ नहीं है.

दूसरा दावा: प्रधानमंत्री मोदी को फिलिप कोटलर अवार्ड मिलने के पीछे था मादी शर्मा का साथ

 

वायरल पोस्ट में दूसरा दावा प्रधानमंत्री मोदी को मिले फिलिप कोटलर अवार्ड को लेकर था. दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को फिलिप कोटलर अवार्ड मिलने के पीछे मादी शर्मा का हाथ है. तो आइए जानते हैं इस दावे की सच्चाई.

 

क्या है फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल लीडरशिप अवार्ड?

 

फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल लीडरशिप अवार्ड मार्केटिंग गुरु फिलिप कोटलर के नाम पर दिया जाने वाला एक अवार्ड है जिसके सबसे पहले प्राप्तकर्ता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. बता दें, कोटलर नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी के केलोग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में अंतर्राष्ट्रीय मार्केटिंग के जाने-माने प्रोफेसर हैं. उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स और MIT से इसी विषय में पीएचडी की डिग्री हासिल की.  अब अगर फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल लीडरशिप अवार्ड की बात करें तो यह अवार्ड फिलिप कोटलर के द्वारा स्थापित संस्था वर्ल्ड मार्केटिंग समिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है. मार्केटिंग गुरु फिलिप कोटलर के नाम पर शुरू हुए इस अवार्ड के प्रथम विजेता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. यह अवार्ड इसी वर्ष जनवरी महीने में अमेरिका के जॉर्जिया में इमोरी यूनीवर्सिटी के डॉ. जगदीश सेठ ने प्रधानमंत्री मोदी को दिया. 

 

प्रधानमंत्री मोदी और फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल लीडरशिप अवार्ड

 

फिलिप कोटलर द्वारा इस विषय पर The Marketing Journal में उन्होंने साफ़-साफ़ बताया है कि यह अवार्ड उनकी संस्था World Marketing Summit के द्वारा दिया गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल लीडरशिप अवार्ड मिलने के कारणों का जिक्र करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के अंदर  फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल लीडरशिप अवार्ड पाने की चार प्रमुख योग्यताएं हैं. फिलिप कोटलर ने इसी इंटरव्यू में यह भी बताया कि वल्र्ड मार्केटिंग समिट की एक कमेटी ने वोटिंग प्रक्रिया के तहत प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव किया था तथा इस विषय पर अंतिम निर्णय फिलिप कोटलर का था.

 

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए नीचे फिलिप कोटलर द्वारा The Marketing Journal को दिया गया पूरा इंटरव्यू पढ़ा जा सकता है.

 

“Leadership and the Public Good” – An Interview with Philip Kotler

Philip Kotler is the “father of modern marketing.” He is Let’s start by asking – what does leadership have to do with the common good? the S.C. Johnson & Son Distinguished Professor of International Marketing at the Kellogg School of Management at Northwestern University.

 

 

क्या मादी शर्मा या उनके द्वारा सचालित WESTT NGO था फिलिप कोटलर प्रेसिडेंसियल लीडरशिप अवार्ड का आयोजक?  

 

जैसा कि ऊपर फिलिप कोटलर ने The Marketing Journal को दिए गए इंटरव्यू में साफ़ किया है कि यह अवार्ड उनकी संस्था वर्ल्ड मार्केटिंग समिट ने प्रधानमंत्री मोदी को एक स्थापित प्रक्रिया के अनुपालन के बाद दिया है तो ऐसे में मादी शर्मा के द्वारा इस अवार्ड का आयोजन गलत साबित होता है.

 

 

तीसरा दावा: युरोपियन सांसदों के भारत भ्रमण को मादी शर्मा ने किया था आयोजित

 

इस विषय पर हमारी टीम ने पूर्व में एक पड़ताल की है जिसमे यह पाया गया कि यह दावा सही है. इस विषय पर हमारी पड़ताल निचे पढ़ी जा सकती है.

 

23 यूरोपियन सांसद, कश्मीर दौरा और कुछ सवाल

तीन दिवसीय दौरे पर भारत आए यूरोपियन संघ के प्रतिनिधि मंडल का आज तीसरा और आख़िरी दिन है। इस दौरे को लेकर कई विवाद खड़े हो रहे हैं। विपक्ष सरकार की आलोचना कर इस दौरे को गलत ठहरा रहा है तो ये दौरा क्यों, कब और किसकी मर्ज़ी से हुआ जैसे कई सवाल भी उठ खड़े हुए हैं। – 23 यूरोपियन सांसद, कश्मीर दौरा और कुछ सवाल

 

 

हमारी पड़ताल में यह साबित हो गया कि मादी शर्मा या उनके द्वारा संचालित एनजीओ WESTT का कोई हाथ नहीं है और यह दावा भ्रामक है.

 

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Result: Misleading

 

(यदि आपको हमारे लेख में किसी भी प्रकार की त्रुटि नज़र आती है या फिर किसी भी संदिग्ध ख़बर की जानकारी आप हमें ई-मेल के जरिए भेज सकते हैं: checkthis@newschecker.in)

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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