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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
कल जुम्मे का दिन और शांतिदूतो ने मुंबई के सड़क पर अमन फैलाने के लिए बसो मे तोड़ फोड़ की आज एजाज़ खान बोहोत ख़ुश होगा
पर बता दूँ ये सरकारी बस दो बच्चों के परिवारों के टैक्स के पैसे से है
भारत मे ऐसे अमनपसंदो को अब दौड़ा दौड़ा कर मारा जाना चाहिए pic.twitter.com/VYKRKVmDFT— Rahul Shah (@Rahul59605960) July 13, 2019
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बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर एक वीडियो बड़ी तेजी से शेयर किया जा रहा है। वीडियो में एक समुदाय विशेष के लोगो को बस तोड़ते हुए और उपद्रव मचाते हुए देखा जा सकता है। दावा है कि यह उपद्रव एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा मुंबई की सड़को पर किया जा रहा है।
कल जुम्मे का दिन और शांतिदूतो ने मुंबई के सड़क पर अमन फैलाने के लिए बसो मे तोड़ फोड़ की आज एजाज़ खान बोहोत ख़ुश होगा
पर बता दूँ ये सरकारी बस दो बच्चों के परिवारों के टैक्स के पैसे से है
भारत मे ऐसे अमनपसंदो को अब दौड़ा दौड़ा कर मारा जाना चाहिए pic.twitter.com/kcsmrZDLcn— Mahesh Dutt Tripathi (@MaheshDuttTrip3) July 13, 2019
वीडियो की सत्यता जानने के लिए सबसे पहले मुंबई की बसों को गूगल पर खंगाला, इस दौरान आए नतीजों को नीचे स्क्रीनशॉट पर देखा जा सकता है।
स्क्रीनशॉट में साफ़-साफ़ देखा जा सकता है कि मुंबई की सड़कों पर दौड़ने वाली बसों का रंग सफ़ेद और लाल है, जबकि वीडियो में दिख रही बस का रंग नीला है।
हालांकि इस चित्र से यह साफ नहीं हो पाया कि वायरल तस्वीर कहाँ की है। मुंबई की बसों का रंग वायरल बस से मेल नहीं खाता था। गूगल में बारीकी से खोजने पर गुजरात की एक बस नज़र आई। यह बस वायरल चित्र से मैच करती है।
खोज के बाद पता चला कि यह बस गुजरात की है लिहाज़ा गुजरात की हाल की सभी ख़बरों को गूगल पर खंगालना शुरू कर दिया। इस दौरान हमें ‘नवभारत टाइम्स ‘ का एक लेख प्राप्त हुआ।
खबर से पता चला कि यह पूरा मामला सूरत के नानपुरा इलाके का है। लेख के मुताबिक झारखंड मॉब लॉन्चिंग के खिलाफ समुदाय विशेष के लोग ‘मौन प्रदशन’ कर रहे थे। प्रदर्शन की आधिकारिक अनुमति न मिलने पर लोगों ने मौन प्रदर्शन को हिंसा में तब्दील कर दिया। इसी दौरान भीड़ ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए गुजरात रोडवेज की बसों में तोड़-फोड़ भी की।
पड़ताल के दौरान हमें ‘न्यूज़ तक’ का एक वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो में पूरी मामले को 2:00 मिनट से देखा जा सकता है। इस वीडियो से यह स्पष्ट हो गया कि वायरल वीडियो मुंबई का नहीं बल्कि गुजरात के सूरत का है।
Tools Used
- Google reverse search
- Invid
- Youtube search
Result –
Misleading
Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.