इस सप्ताह सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में रहे कुछ ऐसे भ्रामक दावे जो समाज पर प्रतिकूल असर डाल सकते थे। Newschecker की टीम ने कुछ ऐसी ही ख़बरों का सच दुनिया के सामने रखा है। कोरोना वायरस से लेकर राजनेताओं द्वारा झूठ फैलाये जाने तक ऐसे ही कई दावे थे तो झूठे लेकिन देखने और पढ़ने में सच जैसे प्रतीत होते थे। हमारे साप्ताहिक अंक की इस कड़ी में कुछ ऐसी ही फेक खबरों का निचोड़ पढ़ा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों के साथ एक पोस्ट वायरल हो रहा है। पोस्ट में एक तस्वीर जख़्मी Zee News के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी की है और दूसरी तस्वीर एक टूटे हुए दफ्तर की है। दावा गया कि नोएडा में Zee News के दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ हुई है और एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी को पीटा गया है।
समाचार4मीडिया नामक वेबसाइट पर प्रकाशित के लेख से पता चला कि मुंबई यात्रा के दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया था और डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। सुधीर चौधरी की नाक पर चोट आई थी और मामूली सा फ्रैक्चर भी था। जिसके बाद उन्होंने अपने शो DNA के दर्शकों को फेसबुक लाइव आकर इसकी सूचना दी थी।
फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने एक स्क्रीनशॉट ट्वीट शेयर कर दावा किया था कि गांजा (Weed) कोरोना वायरस को मारता है। साथ ही उन्होंने पोस्ट में कैनबिस को एक जादू का पौधा बताया है।
दरअसल यह स्क्रीनशॉट एक
dopl3r नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक
लेख से लिया गया है। असल में यह वेबसाइट मीम बनाने के लिए ऐसे टेम्पलेट प्रदान करती है जिसमें आप कुछ भी एडिट कर सकते हैं और मीम बना सकते हैं।
विश्न स्वास्थय संगठन (WHO) के अनुसार, अब तक 2019-n Cov के इलाज के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है। WHO का दावा है कि क्लिनिकल परीक्षण (Clinical Trials) चल रहे हैं। लेकिन इसका इलाज स्थापित होने का कोई उल्लेख नहीं है।
शेयरचैट पर एक अखबार की कटिंग वायरल हुई है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि चीन सरकार ने कोर्ट से कोरोना वायरस से 20,000 पीड़ित मरीज़ों को मारने की मंजूरी मांगी है। ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। वायरल दावे से सम्बंधित चीन की विश्वसनीय वेबसाइट
english.cout.gov.cnhttps://english.court.gov.cn/index.html पर ऐसी कोई भी खबर प्रकाशित नहीं हुई। असल में यह खबर city news नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक
लेख में छापी गयी है जिसमे ना तो किसी रिपोर्टर की बायलाइन है और कोई सरकारी स्टेटमेंट या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोर्स का कोई जिक्र हुआ है। लेख में ‘लोकल कोरसपॉन्डेंट’ लिखा गया है।

11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के परिणाम घोषित होने के बाद सोशल मीडिया पर इंडिया टुडे के स्टूडियो में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप देसाई के डांस का वीडियो वायरल हुआ। दावा किया जा रहा है कि राजदीप सरदेसाई ने आप की जीत की खुशी में डांस किया है। यह कैसी निष्पक्ष पत्रकारिता है यह सवाल भी किया गया है।
जिस पर राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट करते हुए इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वालों की आलोचना की और साथ ही यह स्पष्ट किया कि वह एक्जिट पोल के आंकड़े सही होने के कारण डांस कर रहे थे।
कानपुर के सांसद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है कि भारतीय जनता पार्टी 100 से कम मतों से 8 सीटों पर दिल्ली विधानसभा चुनाव हार गई। 1000 वोट 19 सीटों पर; जबकि 19 सीटों पर 2000 वोट। अगर हम मौजूदा सीटों में इन सीटों को जोड़ दें तो बीजेपी ने 44 सीटें जीती थीं। ECI वेबसाइट पर प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार भूपिंदर सिंह जून (Bhupinder Singh Joon) ने सबसे कम मार्जिन वाली जीत हासिल की। भूपिंदर सिंह जून ने सिर्फ 753 मतों के कम मार्जिन के साथ 57,271 मत हासिल कर अपनी पार्टी के लिए सीट बरकरार रखी। भूपिंदर सिंह जून ने अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार सत प्रकाश राणा (Sat Prakash Rana) को हराया, जिन्होंने 56,518 वोट हासिल किए। बीजेपी के अभय वर्मा द्वारा लक्ष्मी नगर निर्वाचन क्षेत्र में दूसरा सबसे कम अंतर दर्ज किया गया, जिन्होंने 880 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।

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business standard की रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी 1,000-10,000 मतों के अंतर से 10 सीटें जीतने में सफल रही। जबकि उसने 23 सीटें 10,000-20,000 मतों के अंतर से जीतीं। वह 20,000 सीटों के अंतर से 24 सीटें जीतने में सफल रही यानि 50,000 से अधिक वोट। जबकि इसने 50,000 से अधिक वोटों के अंतर से 3 सीटें जीतीं, जिसमें एक सीट के लिए वोटों का मार्जिन 75,000 वोट का आंकड़ा पार कर गया।
ट्विटर पर चीनी पुलिस कर्मियों का एक वीडियो खूब वायरल हुआ जहां पुलिसकर्मियों को एक सड़क पर हाथ में बन्दूक लेकर जाते हुए देखा जा सकता है वीडियो में आगे बन्दूक की गोलियों की आवाज सुनने के साथ ही कुछ लोगों को घायल तथा मृत भी देखा जा सकता है। जिस पर एक विश्वसनीय समाचार एजेंसी CGTN ने ट्वीट करते हुए बताया कि चीन की पुलिस ने उन्हें बताया है कि वीडियो भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। दरअसल वीडियो में जो पुलिसकर्मी हथियार के साथ दिख रहें हैं वह असल में पागल कुत्तो से निपटने के लिए आए हैं।
आगे वीडियो में मृत दिखने वाला युवक असल में पुलिस की गोली से नहीं मरा बल्कि एक सड़क हादसे से उसकी मौत हुई है। जिसे विश्लेषण
onservers.france नामक वेबसाइट में देखा जा सकता है।
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