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साल 2016 में मराठा आंदोलन की तस्वीर को NRC और CAA का बताकर किया गया शेयर

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
NRC और CAA के समर्थन उतरा मुंबई का जन मानस.. विरोधी तो बहुत देखे अब समर्थक भी देख लो. जय श्री राम
Verification- 
देश में CAA अधिनियम लागू होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर सभी यूज़र्स अपनी-अपनी समझ के मुताबिक अपने विचार व्यक्त कर रहे है। इन्हीं विचारों को व्यक्त करते-करते भ्रामक खबरों का अदान-प्रदान भी आरम्भ हो जाता है। इस दौरान ट्विटर के एक पोस्ट में दो तस्वीरों को शेयर कर  NRC और CAA का महाराष्ट्र में समर्थन बताया गया। तस्वीरें देख हमें इनके पुराने होने का अंदेशा हुआ जिसके बाद हमने अपनी पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमें DNA नामक वेबसाइट पर साल 2016 में प्रकाशित एक लेख का लिंक प्राप्त हुआ जहां वायरल तस्वीरों में से एक तस्वीर प्रकाशित हुई है।
लेख के मुताबिक 16 अक्टूबर 2016 को यह तस्वीर प्रकाशित की गयी थी जिसमे यह जानकारी दी है कि आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के लोगों ने ‘Maratha kranti silent morcha’ के नाम से एक मौन रैली का आयोजन महाराष्ट्र के थाणे जिले के ‘तीन हाथ नाका’ नामक इलाके में किया था।
इसके बाद वायरल पोस्ट में दूसरी तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजा। खोज के दौरान हमें The indian express नामक वेबसाइट पर साल 2016 को ही प्रकाशित वही वायरल तस्वीर प्राप्त हुई।
लेख के मुताबिक 24 सितंबर 2016 को महाराष्ट्र के विपक्ष के दो बड़े नेता ‘राधाकृष्णन विखे-पाटिल’ और बालासाहेब थोराट ने अहमदनगर में महाराष्ट्र के रेप पीड़ित को इंसाफ दिलाने तथा मौजूदा सरकार को अपनी ताक़त दिखाने के लिए एक रैली का आयोजन करवाया था। जिसे इन दिनों NRC और CAA के समर्थन में महाराष्ट्र बताकर वायरल किया जा रहा है।
Tools Used 
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Result- Misleading  
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल या Whatsapp करें: checkthis@newschecker.in) 9999499044

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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