सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में केरल के लोगों द्वारा हुंकार रैली निकाली गई.
त्रिपुरा में बीते दिनों सांप्रदायिक झड़प के बाद भड़की हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के दावे शेयर किये जा रहे हैं. आमतौर पर सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया द्वारा त्रिपुरा से जुड़ी चर्चाएं कम ही देखने को मिलती हैं, लेकिन बीते दिनों सांप्रदायिक हिंसा की खबरों के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी राज्य से जुड़ी तमाम घटनाओं को लेकर क्रिया-प्रतिक्रिया का दौर जारी है.
भारत की सत्ता के केंद्र में पिछले कुछ वर्षों में दक्षिणपंथी विचारधारा का वर्चस्व देखने को मिला है. लेकिन दक्षिणपंथ की इस लहर के बावजूद भी केरल में या तो वामपंथ या कांग्रेसी विचारधारा का ही बोलबाला रहा है. इतना ही नहीं, CAA के खिलाफ प्रदर्शनों से लेकर कई अन्य मामलों में केरल की जनता के एक बड़े धड़े ने मुखर होकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध किया है.
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में केरल के लोगों द्वारा हुंकार रैली निकाली गई.
इसके अतिरिक्त हमारी उर्दू टीम द्वारा Crowdtangle टूल की सहायता से किये गए एक विश्लेषण के अनुसार, त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में केरल के लोगों द्वारा हुंकार रैली निकालने के नाम पर शेयर किये जा रहे इस दावे को लेकर, पिछले कुछ दिनों में कुल 28 फेसबुक पोस्ट शेयर किये गए हैं, जिनपर कुल 566 इंटरैक्शन (रिएक्शन, कमेंट, शेयर) हैं.

Fact Check/Verification
त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में केरल के लोगों द्वारा हुंकार रैली निकालने के दावे के साथ शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने वीडियो के एक की-फ्रेम को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें 8 जनवरी, 2020 को शेयर किया गया एक फेसबुक पोस्ट प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल वीडियो मौजूद है. इसके साथ ही वायरल वीडियो हमें एक इंस्टाग्राम पोस्ट में भी प्राप्त हुआ, जिसे साल 2020 में शेयर किया गया है.
त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में केरल के लोगों द्वारा हुंकार रैली निकालने के नाम पर शेयर किया गया एक साल पुराना वीडियो
कुछ अन्य कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें ‘mannarkkad live’ नामक एक यूट्यूब चैनल द्वारा 3 जनवरी, 2020 को शेयर किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ. मलयालम भाषा में प्रकाशित उक्त वीडियो के टाइटल के अंग्रेजी अनुवाद के अनुसार (रफ़ अनुवाद), “Maharali held in Mannarkkad against the Citizenship Amendment Act.” (हिंदी अनुवाद: मन्नार्कड़ में CAA के खिलाफ महारैली का आयोजन किया गया)
हमारी उर्दू टीम द्वारा वायरल वीडियो के दृश्यों तथा पड़ताल के दौरान मिले वीडियो के दृश्यों के बीच तुलनात्मक अध्ययन करने पर यह बात साफ हो गई कि त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में केरल के लोगों द्वारा हुंकार रैली निकालने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह वीडियो, त्रिपुरा में हुई हालिया हिंसा के बाद केरल में प्रदर्शन का नहीं है.

Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह यह बात साफ हो जाती है कि त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में केरल के लोगों द्वारा हुंकार रैली निकालने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह वीडियो, असल में केरल के Mannarkkad नामक शहर में 2020 में CAA के खिलाफ आयोजित एक रैली का वीडियो है, जिसे त्रिपुरा में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
Result: Misplaced Context
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