रविवार, दिसम्बर 22, 2024
रविवार, दिसम्बर 22, 2024

HomeFact Checkक्या त्रिपुरा की हैं सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीरें?

क्या त्रिपुरा की हैं सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीरें?

बांग्लादेश में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद त्रिपुरा से हिंसा की कुछ खबरें सामने आईं। कथित तौर पर त्रिपुरा हिंसा का आरोप VHP के सदस्यों पर लगा, जिन्होंने त्रिपुरा में ‘हुंकार रैलियां’ निकाली थी, भीड़ ने कथित तौर पर मुस्लिम घरों और संस्थानों को निशाना बनाया, जहां कई मस्जिदों पर हमले की खबरें सोशल मीडिया पर आईं, वहीं कई सोशल मीडिया यूजर्स ने ऐसी तस्वीरें भी पोस्ट की, जिनका त्रिपुरा में मुसलमानों के खिलाफ हालिया हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। Newschecker ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई कुछ ऐसी ही तस्वीरों की पड़ताल की। 

वायरल तस्वीर-1

मीडिया संस्थानों और सीपीआई (एम) के कार्यालयों पर हमले को त्रिपुरा में हुए हिंसा के रूप में शेयर किया गया

वायरल तस्वीर में जलती हुई गाड़ी नज़र आ रही है, जिसे शेयर कर दावा किया गया कि त्रिपुरा में मुसलमानों पर हमला करने वाली भीड़ द्वारा इन गाड़ियों में आग लगा दी गई, लेकिन जब हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से इस तस्वीर को सर्च किया तो हमें बीते 8 सितंबर को प्रकाशित कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जहां वायरल हो रही तस्वीर को प्रकाशित किया गया है। बतौर रिपोर्ट्स, वायरल हो रही तस्वीर सीपीआई (एम) कार्यालयों पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर किये गए हमले की हैं।

लेख को यहाँ और यहाँ पढ़ा जा सकता है।

वायरल तस्वीर-2

कोलकाता की रामनवमी रैली को त्रिपुरा से जोड़कर शेयर किया गया 

भगवा झंडे में दिख रही रैली नुमा भीड़ को त्रिपुरा का बताकर दावा किया गया है कि यह भीड़ मुसलमानों को प्रताड़ित करने के लिए एकत्र हुई है।

इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए जब हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से इसे सर्च किया तो हमें हिंदुस्तान टाइम्स का एक लेख मिला, जिसका शीर्षक था, “रामनवमी रैलियां: बंगाल के कुछ हिस्सों में तनाव व्याप्त है”। तस्वीर के विवरण से पता चलता है कि यह तस्वीर कोलकाता के जादवपुर इलाके की है और विश्व हिन्दू परिषद के समर्थकों द्वारा रामनवमी का जुलूस निकलते समय की है। इस तरह हमारी पड़ताल में साफ़ हो गया कि यह तस्वीर त्रिपुरा में हुए हिंसा से संबंधित नहीं है। यह तस्वीर साल 2018 के रामनवमी जुलूस की है।

वायरल तस्वीर-3

गुवाहाटी में आयोजित सी.ए.ए विरोधी रैली की तस्वीर को त्रिपुरा हिंसा से जोड़ा गया

एक भीड़ द्वारा सड़क पर कुछ जलाये जाने की तस्वीर को त्रिपुरा हिंसा का बताया गया है।

जब हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से सर्च किया, तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुई, जिसमें यह तस्वीर प्रकाशित की गई है। प्राप्त रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह तस्वीर 2019 में गुवाहाटी में हुए सी.ए.ए. विरोध प्रदर्शन के दौरान की है।

लेख को यहाँ पढ़ा जा सकता है।

वायरल तस्वीर-4

सिरसा स्थित डेरा हिंसा की तस्वीरों को त्रिपुरा की हिंसा से जोड़ा गया

ट्विटर पर एक तस्वीर, जिसमे कुछ गाड़ियों को जलते हुए दिखाया गया है के साथ दावा किया गया कि ये तस्वीरें त्रिपुरा की हैं।

गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से तस्वीर को सर्च किया तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुई, जहां तस्वीर को पंचकूला में 25 अगस्त 2017 को हुई हिंसा का बताया गया है।

Newschecker ने त्रिपुरा में हिंसा का दावा करते हुए पवित्र कुरान की प्रतियां रखने वाले दो युवकों की एक अन्य वायरल तस्वीर का भी फैक्ट चेक किया है। यह तस्वीर वास्तव में दिल्ली के कंचन कुंज की है, जहाँ रोहिंग्या कैम्प में आग लगने के बाद लोग किताबों और सामान को बचा रहे थे।

हमारे द्वारा किए गए फैक्ट चेक को यहाँ पढ़ा जा सकता है।

इस तरह हमारी पड़ताल में यह पता चलता है सोशल मीडिया पर त्रिपुरा को लेकर कई भ्रामक दावे शेयर किये गए हैं। त्रिपुरा पुलिस ने अपने ट्वीट और बयान से फेक दावे ना फ़ैलाने की अपील भी की है। इसी बीच त्रिपुरा हाई कोर्ट ने राज्य में हिंसा की खबरों पर स्वत:संज्ञान लेते हुए, राज्य पुलिस से 10 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है, जबकि राज्य को ऑनलाइन फेक कंटेंट शेयर करने वालों पर करवाई करने का आदेश भी दिया है।

जब हमने ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी फ़ॉर मीडिया संजय मिश्रा से त्रिपुरा में हुई हिंसा से जुड़ी फ़र्ज़ी खबरों को शेयर करने वालों पर होने वाली करवाई के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि “राज्य, उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सख्त करवाई करने की योजना बना रहा है। राज्य में मस्जिद जलने की कोई घटना नहीं हुई है। 2018 और 2019 की घटनाओं को हाल के दिनों का होने का दावा करते हुए सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है”।

Result: Misplaced Context

Our Sources

Media Reports

Self analysis

Police Verification

मोहम्मद जकारिया, शमिंदर सिंह, उज्ज्वला पी, के इनपुट्स के साथ।

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

Most Popular