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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें खून से लथपथ कुछ लोगों की तस्वीर को देखा जा सकता है। दावा किया गया है कि यह वीडियो त्रिपुरा हिंसा का है और साथ ही साथ पुलिसिया कार्यप्रणाली और उसकी मंशा पर भी सवाल उठाया गया है।
ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
एक सोशल मीडिया यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि पुलिस डिपार्टमेंट हमारे देश का एक ऐसा डिपार्टमेंट है, जो हमेशा अपने इंसाफ के लिए जाना जाता है, जो ज़ालिमों को सज़ा और मज़लूमों को इंसाफ दिलाता है, लेकिन त्रिपुरा पुलिस की वाहियात हरकतें पूरे देश के पुलिस डिपार्टमेंट के लिए शर्म की बात है।
बीते दिनों बांग्लादेश में हुई साम्प्रदायिक हिंसा का प्रभाव त्रिपुरा के मुसलमानों पर हिंसा के तौर पर देखा गया। कथित तौर पर त्रिपुरा हिंसा का आरोप विश्व हिंदू परिषद पर लगा, जिन्होंने त्रिपुरा में “हुंकार रैलियां निकाली थीं। उसके बाद से कथित तौर पर त्रिपुरा में मुसलमानों के घरों और मस्जिदों को निशाना बनाया गया। TV9 Hindi की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर त्रिपुरा में बीते 26 अक्टूबर की शाम को VHP ने बांग्लादेश में हिंदूओं के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के विरोध में एक रैली का आयोजन किया था। इस रैली के दौरान चमटीला इलाके में एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई और दो दुकानों को आग लगा दी गई।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा स्टूडेंट्स आर्गेनाइज़ेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष शफ़ीकुल रहमान का मानना है कि राज्य में हो रही हिंसा की वजह बस बंगलादेश में हुई हिंसा नहीं है। हालिया हिंसा की वजह कहीं न कहीं अगले महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव भी हैं।
त्रिपुरा हिंसा के संदर्भ में कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने गलत तस्वीरों और वीडियोज को भी शेयर किया है। जिसका newschecker द्वारा फैक्ट चेक किया गया है, जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।
आपको बताते चलें कि त्रिपुरा हाई कोर्ट ने हिंसा की ख़बरों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि फ़र्ज़ी खबर शेयर करने वालों पर सरकार जल्द से जल्द करवाई करे। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, बीते 3 नवम्बर को त्रिपुरा पुलिस ने 71 लोगों पर फर्जी और भड़काऊ पोस्ट करने के लिए 5 क्रिमिनल केस दर्ज किया है और लोगों से अपील की है वो फर्जी खबर पोस्ट या शेयर न करें।
वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान से देखने पर ऐसा लगता है कि यह वीडियो किसी पेट्रोल पंप पर हुए किसी ब्लास्ट का है। इसका जब सच जानने के लिए हमने Invid टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स बनाया और एक कीफ्रेम को ‘पेट्रोल पंप ब्लास्ट’ कीवर्ड के साथ जब हमने रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें उस तस्वीर से मिलती-जुलती एक तस्वीर मिली। जिसके कैप्शन में ‘नजीमाबाद पेट्रोल पंप ब्लास्ट’ लिखा हुआ था।
इसके बाद जब हमने नजीमाबाद पेट्रोल पंप और ब्लास्ट जैसे कीवर्ड्स की मदद से ट्विटर पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें बहुत से ट्विटर पोस्ट मिले। ट्विटर पर वायरल वीडियो को शेयर कर इसे ‘नार्थ निजामाबाद पेट्रोल पंप ब्लास्ट’ का बताया था। अब हमने निजामाबाद कहाँ है? इसकी पड़ताल के लिए गूगल पर खोजना शुरू किया। इस प्रक्रिया में हमें पता चला कि यह शहर/क़स्बा, पाकिस्तान के कराची शहर में स्थित है।
कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर खोजने के दौरान पता चला कि पाकिस्तान स्थित निजामाबाद के एक पेट्रोल पम्प पर सिलेंडर फटने से यह घटना हुई थी। शमा टी.वी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बीते 29 अक्टूबर की है, इस घटना में 4 लोगों की जान गई है और 6 लोग जख्मी हैं। बतौर रिपोर्ट, 3 लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी, जबकि एक व्यक्ति की मौत हॉस्पिटल ले जाने के दौरान हो गई थी।
इस ख़बर को ANI न्यूज़ एजेंसी ने भी प्रकाशित किया है, रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल पंप के इलेक्ट्रिक रूम में ब्लास्ट हुआ था। पाकिस्तान पुलिस ने इसे एक दुर्घटना बताया है और किसी भी तरह की साजिश को ख़ारिज किया है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
जब हमने ‘नजीमाबाद पेट्रोल पंप ब्लास्ट’ कीवर्ड की मदद से यूट्यूब पर खोजा तो हमें GTB NETWORK HD यूट्यूब चैनल का एक वीडियो मिला। प्राप्त वीडियो में वायरल हो रहे वीडियो के कुछ दृश्यों को देखा जा सकता है।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो जाता है कि त्रिपुरा हिंसा के दावों के साथ वायरल हो रहा वीडियो, पाकिस्तान के नजीमाबाद पेट्रोल पंप ब्लास्ट का है। इस घटना का त्रिपुरा में हुई हिंसा से कोई वास्ता नहीं है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
Media Reports
Self analysis
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