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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दंगे जैसा माहौल नजर आ रहा है। लोग इधर-उधर भाग रहे हैं और पुलिस भी हालात को काबू में करने की कोशिश करते दिखाई दे रही है। वीडियो को त्रिपुरा का बताकर शेयर किया गया है। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि ‘दलाल मीडिया ने तो त्रिपुरा दंगे के बारे में नहीं बताया लेकिन बीबीसी ने सारी पोल खोल दी’।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पिछले कुछ दिनों से पूर्वी बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्य त्रिपुरा से लगातार हिंसा की खबरें आ रही हैं। बीते 28 अक्टूबर को Dw द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, ‘बांग्लादेश में दुर्गापूजा के दौरान भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में हिंदुओं के घरों और मंदिरों को निशाना बनाया गया था, जिसके विरोध में बीते 26 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद के द्वारा रैली निकाली गई थी। उस दौरान कुछ मुस्लिम व्यापारियों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ कर उन्हें जला दिया गया। हालाँकि, त्रिपुरा पुलिस ने त्रिपुरा ने अपने एक बयान में कहा है कि राज्य में शांति कायम है और फेक खबरों को शेयर करने वालों पर कार्रवाई की बात भी कही है।
सोशल मीडिया पर आए दिन त्रिपुरा हिंसा से जोड़कर कई फर्जी वीडियोज और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। जिसका न्यूजचेकर द्वारा पहले भी फैक्ट चेक किया गया है। जिसे यहां देखा जा सकता है। अब इसी क्रम में उपरोक्त दावा वायरल है।
वायरल वीडियो को ट्विटर पर अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया है।
फेसबुक पोस्ट को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर इस दावे को कितने लोगों ने पोस्ट किया है, यह जानने के लिए हमने Crowd Tangle का उपयोग किया और इस दौरान हमने पाया कि 3 दिन के अंदर फेसबुक पर इस संदेश को 24 से अधिक बार पोस्ट किया गया है।
Fact Check/Verification
क्या वायरल हो रहा वीडियो त्रिपुरा से संबंधित है? इसकी पुष्टि के लिए हमने पड़ताल शुरू किया। इस दौरान सबसे पहले हमने वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने करीब 29 सेकंड पर रिपोर्टर के पीछे एक पुलिस सहायता केंद्र का बोर्ड लगा हुआ देखा, जिसमें जगह का नाम खजूरी खास लिखा है, जो कि दिल्ली में स्थित है। वीडियो को देखने के बाद इस बात की शंका प्रबल हो गई कि वायरल वीडियो त्रिपुरा से संबंधित नहीं हैं।
क्या सच में खजूरी खास में कोई हिंसा हुई थी या नहीं, इसकी पड़ताल के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स की सहायता से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें 25 फरवरी 2020 को ANI द्वारा किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल वीडियो से संबंधित कुछ दृश्य को शेयर किया गया था।
ANI के मुताबिक, “खजूरी खास और भजनपुरा के ताजा दृश्य, जहां कल हिंसा और आगजनी की सूचना मिली थी। इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है”।
इसी दौरान हमें 25 फरवरी 2020 को ABP द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। ABP के मुताबिक, उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। लेख में वायरल वीडियो का एक दृश्य भी प्रकाशित किया गया था।
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट से यह बात साफ हो गई कि यह वायरल हो रहा वीडियो त्रिपुरा का नहीं है। यह दिल्ली में हुए सीएए प्रोटेस्ट के दौरान हुई हिंसा से संबंधित है।
इसके अलावा, हमें BBC NEWS के YOUTUBE चैनल पर 3 मार्च, 2020 में अपलोड किया गया वीडियो मिला। इस वीडियो में वायरल वीडियो से सम्बंधित कुछ व्यक्ति देखे जा सकते हैं।
Conclusion:
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि फरवरी 2020 के वीडियो, जिसमें पूर्वी दिल्ली स्थित खजूरी खास में सीएए समर्थक और विरोधियों के बीच हिंसा हुई थी, उसे गलत दावे के साथ हालिया दिनों में त्रिपुरा में हो रही कथित हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
Result: Misplaced Context
Our Sources:
Self Analysis
Media Report
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