भारत के बड़हन जनसंख्या आज भी दैनिक रूप से खेती-बाड़ी के काम में लागल रहे ले. खेती के क्षेत्र में जेतना अधिक दवा बनावल जाता ओही अनुपात में फसल में कीड़ा और बीमारिन के भी बढ़ोत्तरी होत बा. कई बार अईसन खबर सामने आवेला कि खेत में काम करत समय किसानन के सांप या और कवनों जहरीला जानवर काट लेने, जवने से तमाम गरीब किसानन के मौत भी हो जाला. एही क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ई दावा करताने कि खेत में अईसन कीड़ा आ गईल बा जवने के कटले से तुरंत मौत हो जाला.
सोशल मीडिया यूजर्स के एक धड़ा टीपू सुल्तान के समर्थन में बात करेला ते दूसरा धड़ा उनके विरोध में बात करेला. अधिकतर भाजपा नेता और समर्थक टीपू सुल्तान के आलोचना करेले. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भी कई बार टीपू सुल्तान के आलोचना कईल गईल बा. एकरे अलावा टीपू सुल्तान के समर्थन खातिर कांग्रेस और दूसर दलन के नेता लोगन भी योगी आदित्यनाथ के निशाने पर रहेले.
अल्कोहल आधारित पेय पदार्थन के लोकप्रियता में बढ़ोतरी के साथ-साथ एसे जुड़ल भ्रामक जानकारी में भी वृद्धि देखल गईल बा. उदाहरण खातिर कई लोगन के लगेला कि अल्कोहल आधारित पेय पदार्थन से सेहत बनेला ते वहीं कई लोग एसे कई तरह के बीमारी भईले के भी दावा करेने. बियर पिये वाला भी बहुत सारा लोगन के ई लगेला कि एसे स्वास्थ्य संबंधी कई तरह के फायदा होला.
देश के कई राज्यन में गर्मी के शुरुआत हो चुकल बा. ठंडी के तुलना में लोग गर्मी में ईंधन आधारित वाहन के अधिक इस्तेमाल करेने. गर्मी के प्रकोप बढ़ले के साथ ऐसे जुड़ल भ्रामक जानकारी में भी बढ़ोत्तरी देखल जाता. एही क्रम में पिछले कई साल से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहल ए दावा के फिर से शेयर कईल जाता. वायरल पोस्ट में ई दावा कईल जाता कि इंडियन ऑयल द्वारा जारी कईल गईल चेतावनी के अनुसार गर्मी में कवनों भी वाहन के टंकी फुल करवले से धमाका हो सकेला.
सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर स्वास्थ्य से जुड़ल तमाम तरह के भ्रामक जानकारी आए दिन वायरल होत रहेला. कई बार लोग केहू करीबी के मैसेज या सोशल मीडिया पोस्ट पढ़िके ओमन बतावल गईल उपचार के भी इस्तेमाल करे लगेने, जवन उनके स्वास्थ्य खातिर काफी नुकसानदेह हो सकेला. Newschecker द्वारा अकसर स्वास्थ्य से जुड़ल भ्रामक जानकारी के पड़ताल कईके ओकर सच बतावल जाला.
पिछले कुछ साल में UPI के माध्यम से पेमेंट या लेन-देन करे वालन के संख्या में जबरदस्त उछाल आईल बा. पहिले ऑनलाइन पेमेंट के ई सुविधा खाली बड़े शहरन या कस्बन तक सीमित रहल लेकिन इंटरनेट पैक सस्ता भईले और UPI के माध्यम से सुगमता से लेन-देन के वजह से अब ग्रामीण इलाकन में भी एकर प्रयोग तेजी से बढ़ता. टेक्नोलॉजी के तमाम दुष्प्रभावन में से सबसे बड़हन एकर दुरूपयोग बा. जानकारी के आभाव में तमाम यूजर जालसाजी करे वालन के झांसा में फंस के कब्बो रूपया-पईसा के नुकसान सहेने ते कब्बो आपन निजी डेटा जालसाजन के साथ शेयर कई देने.
भारतीय संविधान के अठवां अनुसूची में वर्तमान में कुल 22 तरह के भाषा के जिक्र कईल गईल बा. अगर संख्याबल के बात कईल जा ते हिंदी भारत के सर्वाधिक राज्यन में बोले जाए वाली भाषा है. तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्य केंद्र सरकार पर हिंदी थोपले के आरोप लगावेले. पूर्व में कब्बो हिंदी भाषी राज्यन में दूसर भाषा बोले वालन के साथ ते कब्बो दूसर भाषा बोले वाले राज्यन में हिंदी बोले वाला राज्यन के लोगन के साथ भेदभाव के तमाम घटना देखे के मिलल बा. हालांकि राज्य सरकारन के आपसी सूझबूझ और केंद्र के परस्पर सहयोग से ए तरह के घटना ना होखे एकर प्रयास भी कई दशक से चलत बा.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) साल 2015 में प्रदूषण से बचाव खातिर दिल्ली में चले वाला 10 साल से पुरान डीजल वाहन तथा 15 साल से पुरान पेट्रोल गाड़िन के पुनः पंजीकरण पर रोक लगा दिहले रहल. प्रदूषण के मात्रा के आधार पर देश में कई जगह पर पुरान गाड़िन पर समय-समय पर प्रतिबंध लगत रहेला. हालांकि ए विषय में अईसन कौनों नियम नईखे जवन पूरे देश में लागू होखे. एही वजह से पुरान गाड़िन के दोबारा रजिस्ट्रेशन के लेके कई तरह के भ्रामक जानकारी वायरल होत रहेला.
नोट पर कुछ लिखले के बाद ओकर वैधता खतम भईले के नाम पर शेयर कईल जा रहल ए दावा के पड़ताल के दौरान हमनी के RBI द्वारा 14 दिसंबर, 2015 के प्रकाशित प्रेस रिलीज़ प्राप्त भईल. RBI के प्रेस रिलीज़ में तब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहल वो मैसेज के खंडन कईल गईल बा जवने में ई दावा कईल गईल रहल कि नोट पर कुछ लिखले से उ अवैध हो जाला. एकरे साथे ही रिज़र्व बैंक देशवासिन से नोट पर कुछ ना लिखले के अपील भी कईले बा.