सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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दलवीर भंडारी को नहीं चुना गया अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश, भ्रामक दावा हुआ वायरल

Ministry of External Affairs की वेबसाइट के अनुसार, नवंबर 2017 में न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को दोबारा 9 साल के कार्यकाल के लिए आईसीजे (International Court of Justice) के सदस्य के रूप में चुना गया था। उस समय इस पद के लिए हुई वोटिंग में भंडारी को 193 मतों में से 183 वोट मिले थे। बता दें कि उस दौरान इस खबर को देश के कई मीडिया संस्थानों ने भी प्रकाशित किया था।

Weekly Wrap: इस हफ़्ते सोशल मीडिया पर वायरल हुए टॉप 5 फेक दावों का Fact Check

इस हफ़्ते सोशल मीडिया पर वायरल हुए टॉप 5 फेक दावों का Fact Check

क्या कोरोना वैक्सीन लगने से बीमार हुए वीडियो में दिख रहे ये भारतीय सैनिक?

प्राप्त वीडियो में न्यूज़ एंकर द्वारा जानकारी देते हुए बताया जा रहा है, 'पठानकोट में आर्मी की ओर से मैराथन रेस का आयोजन किया गया था, जिसमें हिस्सा लेने वाले एक दर्जन से भी ज्यादा सैनिकों की सेहत बिगड़ गयी, वहीं एक की मौत भी हो गई। पठानकोट में भीषण गर्मी और उमस होने के कारण, मैराथन में हिस्सा लेने वाले सैनिकों की हालत गंभीर हो गई, इस दौरान एक सैनिक की मौत भी हो गयी। बीमार सैनिकों को पठानकोट के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।'  

मुस्लिम युवक को राखी बांधती युवती की तस्वीर सांप्रदायिक दावे के साथ हुई वायरल

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, हिमालय नाम के एक शख्स ने पड़ोस में रहने वाली एक लड़की को नशीला पदार्थ मिलाकर कोल्ड ड्रिंक पिलाई, फिर मंदिर में जाकर उससे जबरन शादी कर ली और उसके साथ दुष्कर्म कर उसका वीडियो बना लिया। साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हिमालय नामक युवक, युवती को अपनी मुंह बोली बहन मानता था।

कर्नाटक में हुए मर्डर के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर सोशल मीडिया पर किया गया शेयर

सोशल मीडिया पर 1 मिनट 8 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में 4 लोग एक शख्स को कुल्हाड़ी और अन्य हथियारों से मारते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो देखने पर पता चलता है कि हरे रंग की शर्ट पहने एक युवक को चार लोग बेरहमी से पीट रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है, ‘ये वीडियो राजस्थान के टोंक जिले का है, जहां एक हिंदू शख्स को चार मुस्लिम युवक मिलकर कुल्हाड़ी से मार रहे हैं। इसे आगे शेयर करें ताकि यह बदमाश पकड़े जाएं और इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले पाए।

तालिबान ने नहीं की टोलो न्यूज के पत्रकार की हत्या, भ्रामक दावा हुआ वायरल

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, कई पत्रकारों ने रिपोर्टिंग की स्वतंत्रता को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. एक तरफ जहां तालिबान नए विचारों के साथ देश पर शासन का दावा कर रहा है, तो वहीं DW के लिए कार्यरत एक पत्रकार के रिश्तेदार की हत्या तथा कई अन्य पत्रकारों के साथ मारपीट तथा अभद्रता की घटनायें, तालिबान के इस दावे को गलत साबित करती हैं.

उज्जैन में कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों की पुलिस द्वारा जमकर पिटाई के नाम पर शेयर किया गया पुराना वीडियो

उज्जैन में मुहर्रम जुलूस के दौरान कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने को लेकर खड़ा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जुलूस के आयोजन कर्ता तथा मौके पर मौजूद कुछ लोग आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं तो वहीं पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार करते हुए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने का सबूत होने का दावा किया है.

तालिबान पर बयान देने के बाद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नहीं किया गया गिरफ्तार, भ्रामक दावा हुआ वायरल

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जब अनुच्छेद 370 हटाया था, उस समय कश्मीर में दंगे रोकने के लिए मुहबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था। उसके बाद कई नेताओं को 370 के खिलाफ प्रदर्शन न करने की गारंटी का बॉन्ड साइन कराकर रिहा कर दिया गया था। लेकिन महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला ने इस बॉन्ड पर साइन करने से मना कर दिया था।

क्या अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा करने के बाद एक तालिबानी लड़ाके ने बंदूक लोड करते समय खुद को मारी गोली?

इसी क्रम में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो में कथित तौर पर एक तालिबानी लड़ाके द्वारा बंदूक लोड करते समय खुद को गोली मारते हुए देखा जा सकता है. वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, एक तालिबानी लड़ाके ने बंदूक लोड करते समय खुद को गोली मार ली.

ISIS द्वारा वर्षों पूर्व इराक में बम से तबाह की गई मस्जिद की तस्वीर गलत दावे के साथ हुई वायरल

तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद देश में अफरा तफरी का माहौल है। वहां के लोग जल्द से जल्द अफगानिस्तान को छोड़ना चाहते हैं। गौरतलब है कि वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया। ऐसा भी कहा जा रहा है कि तालिबान की इस जीत में पाकिस्तान का भी हाथ है। बता दें कि दो दशक पहले भी अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्ज़ा किया था, उस समय भी उसे पाकिस्तान का पूरा समर्थन मिला हुआ था।  

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