Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Claim
योगासन, आयुर्वेद, शुध्द देशी बोलकर लोगो को मुर्ख बनाने वाले लाला रामदेव एक अग्रेजी डॉक्टर से अपना इलाज़ करवाते हुए ..
सच मे देश की जनता बहुत भोली है ..!
Vefrification
योग गुरु बाबा रामदेव की एक तस्वीर जिसमें दावा किया गया है कि वे एक अस्पताल में अंग्रेजी डॉक्टर से इलाज़ करा रहे हैं, तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि देेसी दवा के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाने वाले लाला रामदेव अपना इलाज़ अंग्रेजी अस्पताल में कराते हैं। पड़ताल के दौरान आए आरंभिक नतीजों को नीचे स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।
जड़ी बूटियों से तैयार हर्बल दवाओं से असाध्य रोगों को भी नियंत्रित करने का दावा करने वाले योगगुरु रामदेव क्या सच में अपना उपचार अंग्रेजी डॉक्टर से कराते हैं? हमने बारीकी से वायरल तस्वीर की पड़ताल शुरू की। खोज के दौरान
Thehindubusinessline का एक लेख मिला जो आज से करीब 8 साल पुराना है।
समाचार वेबसाइट द्वारा जून 10, 2011 को लिखे लेख में बताया गया है कि रामदेव को एक अनशन के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया था। असल में काले धन की वापसी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन पर बैठे बाबा रामदेव की स्थिति नाजुक हो गई थी। इस दौरान उनके शरीर में पानी की कमी के साथ कई अंदरूनी अंग भी सही से काम नही कर रहे थे। डॉक्टरों की टीम ने बताया था कि उनकी किडनी भी सही से काम नही कर रही थी। प्रशासन ने जबरन रामदेव को उठाकर देहरादून स्थित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान पुलिस प्रशासन को रामदेव समर्थकों का गुस्सा भी झेलना पड़ा था। रामदेव नही चाहते थे कि उन्हें ग्लूकोज़ चढ़ाया जाय।
तथ्यों को खंगालने पर
आजतक समाचार का एक लेख मिला। इस लेख ने विस्तार से उस घटना का जिक्र किया है जब साल 2011 में बाबा रामदेव ने अनशन किया था। लेख के मुताबिक़ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के चलते उनके शरीर के कई अंगों ने सही से काम करना बंद कर दिया था। सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के आदेश पर जिला प्रसाशन ने रामदेव को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया था।
Netindian समाचार ने भी साल 2011 में बाबा रामदेव द्वारा की गई भूख हड़ताल और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
खोज के बाद आये तथ्यों से यह साफ हो गया कि बाबा रामदेव को आज से करीब 8 साल पहले अनशन के दौरान स्थिति खराब होने पर अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनकी मर्जी के बावजूद उन्हें ग्लूकोज़ की बोतलें चढ़ाई गई थी। सोशल मीडिया में उनके बारे में किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है।
Tools Used
- Google Reverse Image
- Twitter
- Google Search
Result- False
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.