After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim– சீனாவில் ஒட்டுமொத்தமாக பன்றிகள் அழிப்பு.கரோனா வைரஸ் தாக்குதலில் எதிரொலி?
हिंदी अनुवाद–
चीन में सूअरों को दफनाया जा रहा है। कोरोना वायरस के डर से तो यह नहीं किया जा रहा?
Verification–
हमारे एक पाठक ने Whatsapp पर वायरल हो रहा एक वीडियो पड़ताल के लिए हमें भेजा है। इस वीडियो में हजारों सुअर ट्रकों में लदे हुए हैं। वीडियो में आगे दिख रहा है एक बड़े गड्ढे में हजारो सूअरों को जेसीबी मशीन की सहायता से दफनाया जा रहा है। व्हाट्सएप्प मैसेजे में इस वीडियो को लेकर दावा किया गया है कि चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण होने से कहीं हजारों सूअरों को दफनाया तो नहीं जा रहा
इस बारे में पड़ताल शुरू की तो हमें एक ट्विट मिला जिसमें यह वीडियो शेयर किया गया है। ट्विट में कहा गया है कि जब प्राणियों को वस्तुओं के रुप में देखा जाता है तो उनके साथ ऐसा व्यवहार होता है। हमें अपनी थाली से प्राणियों के मांस से बने उत्पादों को हटाना चाहिए और सबसे यह बिनती करनी चाहिए। यह ट्वीट पिछले साल किया गया है।
इसके अलावा एक और पोस्ट मिला जो पिछले साल किया गया था। ट्विट में कहा गया है कि यह वीडियो चीन से है और पुराना है। चीन, अफ्रीकन स्वाइन फीवर से लड़ रहा है।
हमनें इस वीडियो से कुछ स्क्रीनशाॅ्टस निकाले और यांडेक्स इमेज की मदद से खोज की तो हमें एक यूटयूब वीडियो मिला जो पिछले साल अपलोड किया गया था।
खोज को आगे बढ़ाया तो एक और वीडियो मिला जो पिछले साल ही अपलोड किया गया था।
खोज जारी रखने पर हमें एक वेबसाइट पर पिछले साल प्रकाशित हुआ एक
आर्टिकल मिला। इसमें वायरल वीडियो की तस्वीरें मिली। इस आर्टिकल का अनुवाद करने पर पता चला कि ओखनहा मोंग नामक फेसबुक पोस्ट के अनुसार चीन में एक सूअर फार्म द्वारा 30000 सूअरों को दफनाया। लगभग 40000 हजार वाले तीन सूअर फार्मों ने भी यही कदम उठाया, उनका जैसा ही कदम चीन के कई सूअर फार्मों द्वारा उठाया गया है। क्योंकि चीन में अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक संक्रामक बीमारी फैली थी। जो रुकने का नाम नहीं ले रही थी। इसलिए चीन के सूअर फार्मों को अपने यहां के हजारों सूअरों को दफनाना पड़ा।
इससे साफ होता है कि चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद चीन के पिग फार्मों ने सूअरों को दफनाना शुरू नहीं किया बल्कि पिछले साल अफ्रीकन स्वाइन फ्लू जैसी संक्रामक बीमारी के चपेट में आने के कारण उन्हें दफनाया गया था। उसी समय का वीडियो आज के संदर्भ वायरल कर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है।
Sources
Twitter Advanced Search
Google Search
Google Reverse Image
Result- Misleading
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.