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Claim:
यह तस्वीर गुजरात की है, जहां पर लॉकडाउन के नियम को तोड़ा गया है।
ये फोटो #गुजरात का बताया जा रहा है।
इनको भुल जाओ और जमाती में फंसे रहे???
इसको कहते है #राजनीति
असल मुद्दा से नजर हटाना और धर्म और जात पात में उलझा देना
हाय रे हमारे भारत वासियों😏
RT.#दंगाई_मीडिया #मीडिया_नफरत_की_दुकान_है
@Rt_Forindia@Troll_Ziddi
@Mustaqeemmewati pic.twitter.com/Aasm2YiZKi— Aashik khan Mewati (@aashikkhanpagla) April 14, 2020
जानिए क्या है वायरल दावा:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में कई लोगों को एक लॉबी में ज़मीन पर सोते हुए देखा जा सकता है। ट्विटर पर एक यूज़र द्वारा दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर गुजरात की है। दावे के मुताबिक, ‘भूल जाओ और जमातियों में फंसे रहो। इसको कहते राजनीति। असल मुद्दे से नज़र हटाना और धर्म, जातपात में उलझा देना। हाय रे हमारे भारतवासियों।’
Verification:
वैश्विक महामारी (COVID-19) के चलते देश में मजदूरों का काम धंधा बंद हो गया है जिसके वजह से इस समय मजदूर सबसे ज़्यादा परेशानी झेल रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इस दौरान मजदूरों को लेकर हो रहे वायरल दावे को खोजना शुरू किया। इस दौरान हमने देखा कि वायरल तस्वीर को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
गुजरात में हमारे यूपी बिहार के मज़दूर का है ये हाल, वही यूपी बिहार जिसने मोदी और शाह पर सबसे ज्यादा भडोसा किया था pic.twitter.com/lCQGX0yrPK
— Syed INC (@ghayasU59473086) April 16, 2020
These Helpless People are not Tablighis ,They are Poor Hindus Who are Stranded due to Lockdown .Has any TV Chanel discussed This . pic.twitter.com/cw0yZKoViC
— بربادی (@syedkhaleedd) April 10, 2020
कुछ टूल्स की मदद से हमने वायरल हो रही तस्वीर को खंगाला। नीचे देखा जा सकता है कि Google Reverse Image Search करने पर हमें वायरल तस्वीर से संबंधित कुछ परिणाम मिले।
पड़ताल के दौरान हमें Daily Fulki नामक बांग्ला वेबसाइट का लेख मिला। 25 दिसंबर, 2019 की रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को प्रकाशित किया गया है। लेख के मुताबिक तस्वीर में नज़र आ रहे हज़ारों बांग्लादेशी प्रवासियों की यह भीड़ मलेशिया के इमिग्रेशन ऑफिस के सामने लगी थी। यह सभी लोग मलेशिया में फंसे बांग्लादेशी प्रवासी हैं। दरअसल मलेशिया सरकार ने देश में गैर कानूनी तरीके से रह रहे अवैध विदेशियों को अपने देश लौटने को कहा था।
कुछ और कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें Jagonews24 और Probashirdiganta.com के दो अलग-अलग लेख मिले। दोनों मीडिया रिपोर्ट्स पढ़ने के बाद हमने जाना कि अगस्त, 2019 से मलेशिया सरकार ने प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने देश लौटने की पहल शुरू की थी। जिसके बाद इमिग्रेशन ऑफिस के बाहर लोग माइग्रेंट्स काउंटर खुलने का इतज़ार कर रहे थे।
अधिक जानकारी के लिए हमने फेसबुक को खोजना शुरू किया। पड़ताल के दौरान हमें एक बंगाली भाषा में फेसबुक पोस्ट मिली। यह पोस्ट 29 नवंबर, 2019 की है। फेसबुक पोस्ट में कहा जा रहा है कि मलेशिया के अवैध निवासी बहुत खतरे और दर्द में हैं। यह तस्वीर आव्रजन कार्यालय के सामने की है जहां पर हज़ारों अवैध विदेशी नागरिक माइग्रेंट्स काउंटर खुलने का इतज़ार कर रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि लॉबी में सोते हुए मज़दूरों की तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। हमारी पड़ताल में पता चला कि मलेशिया की पुरानी तस्वीर को गुजरात का बताकर शेयर किया जा रहा है।
Tools Used:
Google Reverse Image Search
Twitter Search
Facebook Search
Media Reports
Result: False
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