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गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिक का नहीं है यह पार्थिव शरीर, सोशल मीडिया पर मार्मिक तरीके से किया जा रहा है वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

Ek beta, ek pati, ek pita..lekin sabse pehle ek veer sipahi. Maa Bharti is veer ki aatma ko shanti pradan kare aur inke parivar ko is kathin samay se ladne ki shakti. har desh wasi China ko karara jawab dega.

एक पिता, एक पति, एक बेटा, लेकिन सबसे पहले यह एक वीर सिपाही है। माँ भारती इस वीर की आत्मा को शांति प्रदान करे। हर देशवासी को चाहिए की वह चीन को करार जवाब दे।

ट्विटर का आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है।

गलवान घाटी (Galwan Valley) में इंडो-चीन सेना के बीच हुए खूनी संघर्ष में जहाँ कई सैनिकों ने अपने प्राण गवां दिए तो वहीँ सोशल मीडिया में कई दावे तेजी से वायरल होते देखे जा सकते हैं। इसी बीच एक सैनिक के पार्थिव शरीर से लिपटकर रोते हुए एक बच्चे और उसकी माँ की एक तस्वीर तेजी से शेयर की जा रही है। दावा किया गया है कि सीमा पर इस सैनिक ने अपने प्राणों की आहुति से दी। ट्वीट में चीन को बायकॉट करने की भी बात कही गई है।

इस दावे को सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया है।

फैक्ट चेक:

लद्दाख की गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद सीमा पर तनाव की स्थित देखी जा सकती है। आज दोनों देशों के बीच संयुक्त सचिव स्तर की वार्ता होनी है। लगातार दोनों तरफ से मसले का शांतिपूर्वक हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इसी बीच एक सैनिक के शव के साथ एक बच्चे को लिपटकर रोते हुए देखा जा सकता है। दावा है कि यह सैनिक गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान शहीद हो गया था। तस्वीर का सच जानने के लिए गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से खोजने पर कई सोशल मीडिया लिंक्स खुलकर सामने आये।

रिवर्स इमेज के साथ कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर पता चला कि यह तस्वीर साल 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है। इंटरनेट पर इस तस्वीर की साल भर पहले मौजूदगी इस बात को दर्शाती है कि यह तस्वीर चीन के साथ हुए हालिया संघर्ष की तो हो ही नहीं सकती।

खोज के दौरान defence stories वेबसाइट पर यह तस्वीर प्राप्त हुई जिसे 1 जुलाई साल 2019 में प्रकाशित किया गया था। लेख के मुताबिक यह तस्वीर शौर्य चक्र विजेता कर्नल आनंद सुब्रमण्यम की है जिनका पिछले साल निधन हो गया था। कर्नल का निधन तेज बुखार के चलते हुआ था जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास कन्याकुमारी ले जाया गया था।

दिवंगत कर्नल आनंद के पार्थिव शरीर को Indian Military Academy, Dehradun के फेसबुक पेज पर भी साल 2019 में अपलोड किया गया था।

हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि जिस तस्वीर को गलवान घाटी में शहीद सैनिक का बताकर मार्मिक तरीके से शेयर किया जा रहा है असल में वह तस्वीर करीब एक साल पुरानी है। यह दिवंगत कर्नल आनंद सुब्रमण्यम की तस्वीर है जिनका बीमारी के बाद निधन हो गया था। हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा दावा भ्रामक साबित हुआ।

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Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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