Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब तेजी से शेयर किया जा रहा है। वीडियो में भयानक बादलों जैसा कुछ दृश्य जमीन पर देखा जा सकता है। वीडियो शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि तिब्बत में सारे बादल रोड पर आ गये हैं। वीडियो के आगे यह भी दावा किया जा रहा है कि यह दृश्य साल 2020 में ही देखा गया है।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Fact Check / Verification
साल 2020 अटकलों तथा मुश्किलों का साल बताया जा रहा है। इस साल हमारा सामना कोरोना वायरस, टिड्डा दल, अम्फान साइक्लोन जैसी तमाम मुश्किलों से हो चुका है। ऐसे में ट्विटर पर उपरोक्त वीडियो भी वायरल दावे के साथ खूब शेयर किया जा रहा है।
वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान हमने वीडियो को कुछ कीफर्म्स में तोड़कर गूगल पर खोजना शुरू किया।
खोज के दौरान हमें वीडियो से संबंधित कोई उचित परिणाम प्राप्त नहीं हुआ। लेकिन इस बीच हमें वायरल वीडियो शेयर चैट के एक पोस्ट में मिला। पोस्ट के मुताबिक वायरल वीडियो को शेयर चैट पर 10 महीने पहले पोस्ट किया गया था।
गौरतलब है कि वायरल वीडियो को शेयरचैट पर 10 महीने पहले अपलोड किया गया था। अर्थात वायरल वीडियो हाल का नहीं बल्कि पुराना है।
वायरल वीडियो की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर एक अन्य कीफ्रेम के साथ खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें gettyimage.com की वेबसाइट पर वायरल वीडियो से मेल खाती एक तस्वीर मिली। रिपोर्ट में इसे रेतीला तूफान बताया गया।
वायरल वीडियो की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर getty image की वेबसाइट पर मिली जानकारी के अनुसार खोजना शुरू किया। जिसके बाद हमें ABPnews की वेबसाइट पर 11 अक्टूबर साल 2018 में अपलोड हुआ एक वीडियो मिला।
वीडियो में जलवायु विशेषज्ञ द्वारा बयान दिया गया है। यहाँ जानकारी दी गई है कि यह आसमान से जमीन पर गिरे बादलों का वीडियो नहीं है। असल में यह एक रेतीले तूफान का वीडियो है, जो अक्सर सहारा रेगिस्तान, सूडान, और उत्तर अफ्रीका के उन क्षेत्रों में देखने को मिलता है, जहा बंजर जमीन होती है।
वीडियो में आगे बताया गया कि सऊदी अरब व भारत के रास्थान में भी यह तूफान मानसून के पहले देखने को मिलता है। ABP न्यूज़ के मुताबिक यह वीडियो साल 2018 में भी वायरल था।
इसके बाद हमने वायरल यूट्यूब पर कुछ रेतीले तूफान के वीडियो को खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें यूट्यूब पर कई वीडियो मिले। जहां हमें वायरल वीडियो वाला दृश्य देखने को मिला। नीचे दिए गए वीडियो में रेतीले तूफान के दृश्य को देखा जा सकता है।
Conclusion
खोज के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है, इसके अलावा वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भी भ्रामक है। क्योंकि यह वीडियो जमीन पर गिरे बादलों का नहीं बल्कि रेतीले तूफान का है।
Result: Misleading
Our Sources
https://www.youtube.com/watch?v=-voQ5LnywWE
https://www.youtube.com/watch?v=dEMtQMH3cm0
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.