सोमवार, नवम्बर 25, 2024
सोमवार, नवम्बर 25, 2024

HomeFact Checkदिल्ली पुलिस द्वारा किए गए प्रोटेस्ट की पुरानी तस्वीर को फोटोशॉप करके...

दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए प्रोटेस्ट की पुरानी तस्वीर को फोटोशॉप करके सपा नेता ने सोशल मीडिया पर किया फेक दावा

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के साथ दावा किया गया कि पुलिस लाठी चार्ज करती नही सरकार करवाती है।

ट्विटर पर सपा नेता दिग्विजय सिंह देव द्वारा पुलिस के जवानों की तस्वीर शेयर की गई है। तस्वीर में कुछ जवान अपने हाथों में एक पैम्फलेट पकड़े हुए नजर आ रहे हैं जहाँ लिखा गया है कि ‘ मासूमों पर लाठी चार्ज हमसे नहीं हो पायेगा।’ सोशल मीडिया पर उन्होंने दावा किया है कि पुलिस किसी पर लाठी नहीं चलाना चाहती लेकिन सरकार उनसे जबरन लाठी चार्ज करवाती है। गौरतलब है कि हाथरस मामले के बाद हुए प्रोटेस्ट में यूपी के अंदर कई बार पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा था जिसमें विभिन्न दलों के कई नेता चोटिल हो गए थे। यहाँ यह भी गौर किया जाना चाहिए कि दिग्विजय सिंह देव समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश यूनिट के पदाधिकारी हैं। उनके द्वारा किया गया ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई अन्य दावों को यहाँ देखा जा सकता है।

फेसबुक पर भी यह दावा तेजी से शेयर किया जा रहा है।

SS

Fact Check/Verification

वायरल तस्वीर में दिख रहे पुलिस के जवानों के हाथ में पोस्टर देखकर कोई भी आम नागरिक आसानी से भरोसा कर सकता है कि हो सकता है इस तरह का कोई प्रदर्शन हुआ हो। लेकिन पुलिस द्वारा ऐसे प्रदर्शन का सच क्या है इसकी पड़ताल जरूरी थी लिहाजा तस्वीर को गूगल रिवर्स किया। इस दौरान वायरल दावे से सम्बंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुई। लेकिन तस्वीरें पिछले साल यानि साल 2019 की हैं साथ ही दिल्ली से सम्बंधित हैं। मीडिया रिपोर्ट्स को देखने पर पता चला कि पुलिस जवानों के हाथ में दिख रहे पोस्टर में कुछ और ही लिखा गया है।

Ss

Economic times द्वारा नवम्बर साल 2019 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच हुए विवाद के बाद पुलिस के जवानों ने धरना देकर न्याय की मांग की थी। धरने में शामिल पुलिस कर्मियों के हाथ में दिख रहे पोस्टर में लिखा गया है, ‘We want justice‘ . गौरतलब है कि तीस हजारी कोर्ट सहित दिल्ली के अलग-अलग न्यायालयों में वकीलों द्वारा मीडिया कर्मियों और पुलिस के साथ झड़प की गई थी। झड़प के बाद ITO स्थित पुलिस मुख्यालय के सामने धरने पर बैठे पुलिस कर्मियों के साथ उनके परिजन भी आ गए थे।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के हवाले से Scroll ने भी इस खबर को प्रकाशित करते हुए रिपोर्ट में तस्वीर अपलोड की थी। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि दिल्ली पुलिस के जवान अपने हाथों में WE want Justice का बोर्ड पकड़े हुए हैं। इसी तस्वीर को फोटोशॉप के माध्यम से एडिट करते हुए सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा किया गया है।

Conclusion

हमारी पड़ताल में यह बात साबित हो गई कि करीब साल भर पहले दिल्ली पुलिस द्वारा किये गए प्रदर्शन की तस्वीर को एडिट करते हुए सोशल मीडिया पर सपा नेता द्वारा फेक दावा किया गया है।

Result- Manipulated

Sources

Scroll- https://scroll.in/article/942785/in-unprecedented-action-delhi-police-stage-protest-against-assault-by-lawyers

Economic Times- https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/hc-to-hear-in-feb-plea-for-action-against-police-officials-for-protesting-against-clash-with-lawyers/articleshow/71967976.cms?from=mdr

NDTV-https://khabar.ndtv.com/news/india/tis-hazari-case-congress-questioned-where-is-home-minister-amit-shah-2127688

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें  WhatsApp करें:9999499044या ई-मेल करें:checkthis@newschecker.in

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Most Popular