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सोशल मीडिया पर चार तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। तस्वीरों में कुछ लोग पुलिस के सामने कान पकड़कर बैठे हैं। तस्वीर को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिस सड़क पर लोगों को सजा दे रही है। ट्विटर पर इन तस्वीरों को शेयर करते हुए बिहार का बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह तिरस्कार और दुर्व्यवहार भले आपके साथ नहीं हुआ हो पर आपके दूसरे गरीब बिहारी भाइयों के साथ ज़रूर हुआ है। उनके स्वाभिमान व न्याय की खातिर भूलना नहीं है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।
देखा जा सकता है कि वायरल दावे को ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Fact Checking/Verification
पहली तस्वीर:
बिहार के नाम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही तस्वीरों की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल को शुरु किया। Google Reverse Image Search की मदद से हमें कुछ परिणाम मिले।
पड़ताल के दौरान हमें 24 मार्च, 2020 द्वारा Financial Express और Outlook द्वारा प्रकाशित की गई फोटो गैलरी मिली। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक यह तस्वीर इसी साल मार्च में उत्तर प्रदेश के कानपुर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के दौरान ली गई थी।
दूसरी तस्वीर:
Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें 12 मई, 2020 को NDTV और Kashmir Glacier द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। इसके मुताबिक यह तस्वीर छत्तीसगढ़ के रायपुर में लॉकडाउन के दौरान खींची गई थी।
तीसरी तस्वीर:
Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें The Hindu और The Times of India द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह तस्वीर कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन की है। यह तस्वीर उस दौरान की है जब दिल्ली के मजदूर अपने गांव पैदल जा रहे थे।
चौथी तस्वीर:
Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें MSN और Loksatta द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक यह तस्वीर मार्च की है और देश में लगे लॉकडाउन के दौरान खींची गई थी। जब हज़ारों मजदूर दिल्ली से पैदल अपने गांव जा रहे थे।
Conclusion
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही तस्वीरों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि इन तस्वीरों का बिहार से कोई लेना-देना नहीं है। लॉकडाउन के दौरान पुलिस के सामने जिन लोगों को दिखाया गया है वह तस्वीर कानपुर की है साथ ही कई अन्य तस्वीरें जिनमें प्रवासी मजदूर दिखाई दे रहे हैं वे बिहार के ही हैं ऐसा कोई आंकड़ा इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है।
Result: False
Our Sources
Outlook https://live.outlookindia.com/photos/dayin/03/24/2020?photo-224415
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