Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
किसान आंदोलन को लेकर रोजाना इंटरनेट पर कई भ्रामक खबरें वायरल होती रहती है। इसी क्रम में सोशल मीडिया पर Harinder S Sikka नामक एक वेरिफाइड यूज़र द्वारा एक सिख युवक की तस्वीर शेयर की गयी है। तस्वीर में सिख युवक को नमाज़ अदा करने वाली मुद्रा में कई मुस्लिम युवकों के साथ बैठे हुए देखा जा सकता है। हरिंदर ने तस्वीर के साथ दावा किया है कि इस सिख युवक ने पहले किसान आंदोलन में हिस्सा लिया और बाद में मस्जिद में आकर नमाज़ अदा की। लेकिन इस दौरान यह युवक अपनी पगड़ी को सिर से उतारना भूल गया।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Fact Check / Verification
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर पिछले 47 दिनों से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच कल यानि 10 जनवरी साल 2020 को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल करते हुए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई और किसानों की मांगों को लेकर चिंता व्यक्त की। जिसके बाद से प्रदर्शनकारी किसानों में ख़ुशी का माहौल है।
इन सब के बीच मौजूदा किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर रोजाना सैकड़ों खबरें वायरल होती रहती हैं। इनमें कुछ सही होती हैं तो कुछ भ्रामक भी होती हैं। ऐसे में ट्विटर पर खुद को फिल्म राइटर और पूर्व भारतीय नौसेना का सिपाही कहने वाले हरिंद्र एस सिक्का ने एक तस्वीर शेयर कर दावा किया है कि एक मुस्लिम युवक ने सिख का भेष बदलकर किसान आंदोलन में हिस्सा लिया। बाद में मस्जिद में आकर नमाज़ अदा की।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। जिसके बाद हमें गूगल पर फेसबुक पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट मिला जहां वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है।
प्राप्त फेसबुक पोस्ट के स्क्रीनशॉट पर हमने गौर किया। पेज पर वायरल तस्वीर को 30 जनवरी को अपलोड किया गया है। जिसके बाद हमें तस्वीर के पुराना होने की आशंका हुई। तस्वीर की सटीक जानकारी के लिए हमने फेसबुक के Shaykh Mohammed Aslam नामक यूज़र की प्रोफाइल पर तस्वीर को खोजना शुरू किया। बता दें कि इसी नाम के यूज़र द्वारा वायरल तस्वीर को फेसबुक पर 30 जनवरी को अपलोड किया गया था।
इस दौरान हमें वायरल तस्वीर इस यूज़र की फेसबुक प्रोफ़ाइल पर मिली। जहां तस्वीर को 31 जनवरी साल 2016 को अपलोड किया गया था।
इस दौरान तस्वीर के उल्लेख में फेसबुक यूज़र द्वारा जानकारी दी गई है कि यह तस्वीर उस दौरान की है जब एक सिख युवक ने मस्जिद में आकर नमाज अदा की थी।
Conclusion
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल तस्वीर का मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। नमाज़ अदा करते हुए सिख युवक की यह तस्वीर फेसबुक पर साल 2016 में ही Shaykh Mohammed Aslam नामक यूज़र द्वारा अपलोड की जा चुकी है।
Result -Misleading
Our Sources
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.