Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर भारतीय सेना से संबंधित दावा वायरल है। पोस्ट में दावा किया जा रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा है कि अब पत्थरबाजों पर सेना सीधे गोली चला सकती है। यदि इस दौरान पत्थरबाज की मौत भी हो जाए तब भी सेना पर कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा।
Crowdtangle के माध्यम से पता चला कि वायरल दावे को ट्विटर समेत फेसबुक के भी कई यूज़र्स ने खूब जमकर शेयर किया है।
Fact Check / Verification
देश की कश्मीर घाटी से उपद्रवियों द्वारा सेना पर पत्थराव किए जाने की ख़बरें अक्सर आती रहती हैं। ऐसी ही एक खबर 27 जनवरी साल 2018 को आयी थी। जिसमें कश्मीर के शोपिया जिले में गनवपोरा गांव से गुजर रहे भारतीय सेना के एक काफिले पर 100 से 200 उपद्रवियों के एक समूह ने पथराव कर दिया था।
जिसके बाद सेना ने अपने बचाव के लिए गोलियों का सहारा लिया था। इस फायरिंग के दौरान 3 नागरिकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने नागरिकों की हत्या का आरोप लगाते हुए सेना के जवानों के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि इस मामले पर हुई FIR में मुख्य आरोपी मेजर आदित्य कुमार थे।
पूरे देश से इस मामले को लेकर लोगों की अलग- अलग प्रतिक्रियाएं भी आयी थी। इसी मामले को लेकर इंटरनेट पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रह है कि अब सेना द्वारा पत्थरबाजों पर गोली चलाए जाने के बाद सेना पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान गूगल पर ‘सेना पर पत्थर चलाने वालों को सीधा गोली मारने पर भी कोई FIR नही होगी’ कीवर्ड्स के माध्यम से खोजा। लेकिन इस दौरान हमें मामले से संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर खोजना शुरू किया। खोज के दौरान फरवरी साल 2018 को आजतक की वेबसाइट पर छपा एक लेख मिला। लेख के अनुसार सोपिया फायरिंग मामले में मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज हुई FIR पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी।
इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से इस मसले पर जवाब भी मांगा था। लेकिन इस दौरान लेख में कहीं भी यह जिक्र नहीं किया गया कि कोर्ट ने पत्थरबाजों पर गोली चलाने की इजाजत दे दी है।
इसके बाद हमने वायरल दावे की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए Bar and Bench नामक वेबसाइट पर कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। हमने इस वेबसाइट पर इसलिए खोजना शुरू किया क्योंकि यह वेबसाइट कोर्ट से जुड़े अहम फैसलों पर रिपोर्ट प्रकाशित करती है। इस दौरान हमें वेबसाइट पर वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
इसके बाद हमने सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर भी कोर्ट द्वारा दिए गए सभी हालिया फैसलों की जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजा। लेकिन यहाँ भी हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
Conclusion
हमारी पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से यह साफ़ हो गया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पत्थरबाजों पर सेना द्वारा गोली चलाए जाने के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई फैसला नहीं दिया है।
Result- Misleading
Our Sources
https://main.sci.gov.in/daily-order
Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.