Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर की जा रही है जिसमे दावा किया जा रहा है कि जो यात्री ट्रेन (Trains) में नींद लेकर सफर करना चाहते हैं, भारतीय रेलवे (Indian Railway) उनसे 10% अधिक किराया (Fare) वसूल सकता है.
दावे का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
भारत में करोड़ो देशवासी एक जगह से दूसरे जगह यात्रा करने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सेवाओं का प्रयोग करते हैं. इसके दो मुख्य कारण हैं पहला भारतीय रेलवे (Indian Railway) द्वारा इन यात्राओं पर निजी सेवाओं के मुकाबले कम पैसे लेना तथा दूसरा भारत के कोने-कोने में फैला Trains का जाल. भारतीय रेलवे (Indian Railway) समय-समय पर Trains के भाड़े में बढ़ोत्तरी या आंशिक कमी करती रहती है. Indian Railway द्वारा जब भी Trains के किराये में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया जाता है तब-तब भारत के एक बड़े जनमानस को अपने जेब पर अतिरिक्त भार का एहसास होता है. Indian Railway द्वारा संचालित Trains में मुख्यतः तीन तरह की श्रेणियां होती हैं- जनरल क्लास (General Coach), स्लीपर क्लास (Sleeper Coach) तथा वातानुकूलित क्लास (Air-conditioned coaches). इन तीनों कोचों में यात्रा करने के लिए Indian Railway यात्रियों से कोच में दी जा रही सुविधाओं के हिसाब से भाड़ा वसूलता है. ऐसे में स्लीपर कोच का टिकट होने के बावजूद भी अगर एक यात्री को 10% अतिरिक्त शुल्क देना पड़े तो यह एक आम आदमी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण तथा निराशाजनक साबित हो सकता है. चूंकि वायरल दावे का आम आदमी के जीवन से सीधा सरोकार है तथा यह दावा फेसबुक पर तेजी से वायरल हो रहा है इसलिए हमने वायरल दावे की पड़ताल शुरू की.
Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया. जहां हमें यह जानकारी मिली कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पिछले साल सितंबर-अक्टूबर माह में Indian Railway द्वारा किराया (Fare) बढ़ाने की खबरें प्रकाशित हुई थी लेकिन हाल-फिलहाल में किसी न्यूज़ या मीडिया संस्थान ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की है.
इसके बाद हमने Indian Railway की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वायरल दावे से संबंधित किसी आदेश या नोटिस के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया लेकिन भारतीय रेल की आधिकारिक वेबसाइट पर हमें यात्रियों का किराया (Fare) बढ़ाने से संबंधित कोई भी हालिया जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी.
चूंकि भारतीय रेलवे सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता के लिए तथा सोशल मीडिया पर रेलवे से जुड़ी समसामयिक अपडेट्स शेयर करने के लिए काफी मशहूर है इसलिए हमने वायरल दावे का सच जानने के लिए Indian Railway के आधिकारिक ट्विटर पेज का रुख किया लेकिन वहां हमें Indian Railway द्वारा ट्रेन में नींद लेकर सफर करना चाहने वाले यात्रियों से 10% अधिक किराया वसूलने से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली.
इसके बाद हमने ट्विटर एडवांस्ड सर्च फीचर की सहायता से कुछ कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर वायरल दावे से संबंधित कोई थोड़ जानकारी ढूंढने का प्रयास किया. इस प्रक्रिया में हमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले PIB (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) द्वारा संचालित PIB Fact Check द्वारा 13 मार्च 2021 को शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ जिसमे उक्त खबर को गलत बताया गया है.
गौरतलब है कि PIB Fact Check ने उपरोक्त खबर गलत बताते हुए यह जानकारी दी गई कि यह दावा भ्रामक है. Railway board को किराया बढ़ाने से संबंधित सुझाव दिया था जिसे रेल मंत्रालय के आदेश के तौर पर पेश कर भ्रम फैलाया जा रहा है. भारतीय रेल ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साबित हो जाती है कि Indian Railway द्वारा ट्रेन में नींद लेकर सफर करना चाहने वाले यात्रियों से 10% अधिक किराया वसूलने की यह खबर गलत है. दरअसल पूर्व में Railway Board को वायरल दावे से संबंधित एक सुझाव दिया गया था जिसे अब रेल मंत्रालय द्वारा पारित आदेश के नाम पर शेयर किया जा रहा है.
Result: False
Sources
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें:checkthis@newschecker.in
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.