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सोशल मीडिया पर असम सरकार को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। दावे के मुताबिक, ‘असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने मंदिर के पुजारियों को हर महीने 15 हजार रुपये का वित्तीय अनुदान देने का फैसला किया है। सोशल मीडिया यूजर्स खुशी जाहिर करते हुए यह भी कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद कोई तो ऐसा नेता है जो हिंदुओं के बारे में सोच रहा है।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से सबके जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव जरूर पड़ा है। कोरोना काल में जहां एक ओर गरीबों और मजदूरों को खाने के लाले पड़ गए थे, वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन की वजह से धार्मिक स्थलों जैसे- छोटे-बड़े मस्जिदों और मंदिरों के पट भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए थे। ऐसे में मंदिर में रह रहे पुजारियों पर भी कोरोना बंदी का असर पड़ा था। हालाँकि, सरकार ने नागरिकों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं भी चलाई थी। इसी बीच अब यह दावा वायरल है कि असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार, मंदिर के पुजारियों को हर महीने 15 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दे रही है।
वायरल ट्वीट को अन्य ट्विटर यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त दावे को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया है।
फेसबुक पोस्ट को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर उपरोक्त दावे को कितने लोगों ने पोस्ट किया है, यह जानने के लिए हमने Crowd Tangle टूल की मदद ली। इस दौरान हमने पाया कि पिछले 7 दिनों में फेसबुक पर इस संदेश को 148 से अधिक बार पोस्ट किया गया है।
Fact Check/Verification
क्या सच में असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार, मंदिर के पुजारियों को 15000 रुपये देगी? इसका सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरु किया। सबसे पहले हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर खोजना शुरु किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से सम्बंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जिसमें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंदिर के पुजारियों सहित बस संचालकों और सहायकों के लिए एक बार अनुदान देने की घोषणा की थी।
हमें क्रमश: बीते 20 अगस्त, 25 अगस्त और 5 नवंबर को The Economic Times, जागरण और INDIA TODAY द्वारा प्रकाशित लेख प्राप्त हुए। इकॉनामिक टाइम्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने COVID राहत पैकेज की घोषणा की है, जहां निजी तौर पर संचालित बसों के चालकों और सहायकों को 10,000 रुपये की एकमुश्त राहत मिलेगी और मंदिर के पुजारी व नामघरों के मुखिया (वैष्णव पूजा स्थल) को 15,000 रुपये मिलेंगे।
वहीं, दैनिक जागरण में प्रकाशित लेख के मुताबिक, ‘कोरोना महामारी की वजह से देशभर में मंदिर बंद थे, जिससे पुजारियों-पुरोहितों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई थी। अब असम सरकार ने मंदिर के पुजारियों को 15,000 रुपये की आर्थिक मदद का फैसला लिया है।’
बीते 5 नवंबर को इंडिया टुडे में प्रकाशित लेख के मुताबिक, बीते 4 नवंबर को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान, राज्य के मंदिर पुजारियों और नामघोरियों को 15000 रुपये का एकमुश्त वित्तीय अनुदान देने का फैसला लिया गया था।
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स से यह बात साफ हो गई कि असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने पुजारियों के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी राहत पैकेज का ऐलान किया था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा पुजारियों को हर महीने नहीं बल्कि एक एकमुश्त अनुदान देने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा हमें बीते 20 अगस्त को Time8 द्वारा प्रकाशित लेख मिला। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘राज्य सरकार के 100 दिन पूरे होने के साथ ही साप्ताहिक मंत्रिमंडल ने बीते 20 अगस्त को शासन को जमीनी स्तर तक ले जाने, गरीबों को अधिक राहत देने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने और वैश्विक स्तर पर शामिल होने के उद्देश्य से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे, जिनमें कार्बन उत्सर्जन के खिलाफ अभियान भी शामिल था।’
क्या सच में असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने, सरकार द्वारा 100 दिन पूरे करने पर ऐसी कोई घोषणा की थी या नहीं? इसके लिए हमने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का ट्विटर हैंडल खंगाला। इस दौरान हमें 20 अगस्त 2021 का उनके द्वारा शेयर किया गया ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले की तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया था, “हमारी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर साप्ताहिक मंत्रिमंडल ने आज कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनका उद्देश्य शासन को जमीनी स्तर पर ले जाना, गरीबों को अधिक राहत प्रदान करना, #NEP के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना और कार्बन उत्सर्जन के खिलाफ वैश्विक अभियान में शामिल होना आदि है।”
असम राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णय निम्नलिखित हैं-
1- जिला मुख्यालय में हर महीने कैबिनेट की बैठक होगी।
2- 10 सितंबर से प्रभावी होने वाली ओरुनोडोई सहायता को 830 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है।
3- लाभार्थी के खातों में हर माह की 10 तारीख को राशि जमा की जा रही है।
4- भूगोल और इतिहास स्कूली पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय होंगे।
5- कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए सरकार गुवाहाटी शहर के लिए 200 इलेक्ट्रिक और 100 सीएनजी बसें खरीदेगी।
6- अंतर-जिला बस चालकों और अप्रेंटिस को 10,000 रुपये मिलेंगे। उन्हें सहायता के लिए एक पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
7- मंदिर के पुजारियों और नामघोरियों को 15,000 रुपये मिलेंगे।
8- राष्ट्रीय शैक्षिक नीति (एनईपी) के प्रावधानों का क्रियान्वयन अप्रैल, 2022 से शुरू होगा। सभी हाई स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्कूल और जूनियर कॉलेजों में अपग्रेड करने के लिए उनमें नौवीं और दसवीं कक्षा होगी।
Conclusion:
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने कोरोना राहत पैकेज के तहत मंदिर के पुजारियों को एकमुश्त 15000 रुपये देने की घोषणा की थी, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Result: Misleading
Our Sources:
Media reports
Himanta Biswa sarma Tweet
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