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सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर यह दावा किया गया है कि केजरीवाल सरकार में दिल्ली स्थित सरकारी स्कूलों को अब मदरसे में बदला जा रहा है। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है, ‘दिल्ली के सरकारी स्कूल पर रोहिंग्याओं का कब्ज़ा। स्कूल को बना दिया मदरसा।’
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी चुनावी जनसभाओं में अक्सर ही दिल्ली के ‘सरकारी स्कूल मॉडल’ का जमकर प्रचार करते नजर आते हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 4 सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर होने का दावा किया है। इसी क्रम में, सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक वीडियो को शेयर कर यह दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार ने ‘दिल्ली के सरकारी स्कूलों को मदरसा बना दिया है।’
वायरल वीडियो को ट्विटर पर कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
ट्वीट्स का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त पोस्ट को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है।
फेसबुक पोस्ट्स को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर उपरोक्त दावे को कितने लोगों ने पोस्ट किया है, यह जानने के लिए हमने CrowdTangle टूल का उपयोग किया। इस दौरान हमने पाया कि 24 घंटे के अंदर फेसबुक पर इस संदेश को 693 से अधिक बार शेयर किया गया है, जिसे कुल 56,665 इंटरैक्शंस (रिएक्शन, कमेंट, शेयर) प्राप्त हुए हैं।
Fact Check/Verification
‘दिल्ली के सरकारी स्कूलों को मदरसा बना दिया’ दावे के साथ शेयर किया जा रहा वीडियो, क्या सच में दिल्ली के किसी सरकारी स्कूल का है या नहीं, इसका सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू किया। इसकी पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने InVID टूल की मदद से वीडियो को कीफ्रेम्स में बदला, फिर एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स की मदद से सर्च किया। इस दौरान बीते 28 नवंबर को ‘सिंघम सनातनी’ नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। जिसके कैप्शन में इसे दिल्ली का बताया गया है।
पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस प्रक्रिया में हमें बीते 22 नवंबर को Republic Hindustan News नामक YouTube पर ‘सरकारी प्राथमिक विद्यालय में दी जा रही मजहबी तालीम’ कैप्शन के साथ अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। प्राप्त वीडियो देखने पर पता चलता है कि यह वही वीडियो है जो अभी सोशल मीडिया पर वायरल है। प्राप्त वीडियो रिपोर्ट में इसे गाजियाबाद स्थित विजय नगर के स्कूल का बताया गया है।
वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गाजियाबाद के विजयनगर के प्रताप बिहार क्षेत्र स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बीते 19 नवंबर को गुरूनानक जयंती के अवसर पर अवकाश वाले दिन, कुछ मौलवी, बच्चों को कलमा पढ़ना बता रहे थे, जिससे देश में इस्लाम का प्रचार हो सके। जब कुछ हिंदू संगठन और क्षेत्रीय लोगों को इस बात की सूचना मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने विद्यालय पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। उस दौरान वहां मौजूद अध्यापिका और मौलवी को हिरासत में लिया गया, साथ ही संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।’
वायरल वीडियो को गौर से देखने पर पता चलता है कि स्कूल की दीवार पर ‘प्राथमिक विद्यालय, मिर्जापुर’ लिखा हुआ है। हमने ‘प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर में इस्लामिक गतिविधियां’ कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें बीते 20 नंवबर को Dr. Ashutosh Gupta BJP Ghaziabad के यूट्यूब चैनल पर वायरल दावे से संबंधित अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।
वीडियो के मुताबिक, ‘ग़ाज़ियाबाद के मिर्ज़ापुर, भूडभारत नगर का प्राइमरी विद्यालय आपत्तिजनक इस्लामिक गतिविधियों का अड्डा बना। देव दीपावली, गंगा स्नान एवं गुरूपर्व के अवकाश के दिन प्राइमरी पाठशाला में मॉंस-बिरयानी की पार्टी चल रही थी। इस दौरान यहां पुरुषों के अतिरिक्त महिलाएं भी उपस्थित थी। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ आशुतोष गुप्ता ने साहस का परिचय देते हुए, विद्यालय में आपत्तिजनक गतिविधि करने वाले लोगों को पुलिस को सौंपा।’
पूरे मामले का सच जानने के लिए न्यूजचेकर ने गाजियाबाद के विजय नगर पुलिस स्टेशन इंचार्ज योगेंद्र मालिक से फ़ोन पर बात की। बातचीत के दौरान थाना इंचार्ज ने बताया, “विजय नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मिर्जापुर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय है। स्कूल प्रशासन की अनुमति से पिछले कुछ वर्षों से दियाजुद्दीन नाम का व्यक्ति अपने परिवार सहित विद्यालय परिसर में ही रहता है, तो अपनी इबादत इत्यादि भी वहीं करता है। दियाजुद्दीन के बच्चे बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे, जिसके कारण उसकी पत्नी ने बच्चों को रोगमुक्त करने के लिए मन्नत मांगी थी। बच्चे के ठीक होने पर कुरान ख्वानी का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान कुछ स्थानीय लोगों की सूचना पर विजयनगर थाने की पुलिस वहां पहुंची, लेकिन उस वक्त स्कूल में नमाज पढ़ने जैसा कोई कार्य नहीं पाया गया था। कोई विवाद ना हो इसलिए आयोजन करा रहे लोगों को उनकी सहमति से थाने लाया गया था और बाद में पूछताछ के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। इस मामले में कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।”
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि सोशल मीडिया पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों को मदरसा बना दिया’ दावे के साथ वायरल हुआ वीडियो, दिल्ली के किसी सरकारी स्कूल का नहीं है। यह वीडियो गाजियाबाद के विजय नगर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय का है। जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Result: Misleading
Our Sources:
Self Analysis
Direct Contact- Vijay Nagar Police Station
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