Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
सोशल मीडिया पर एक विचलित कर देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें किसी सुनसान सड़क पर कुछ युवक, दो लड़कियों के साथ बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं. लड़कियां चीख रही हैं, लेकिन लड़के उनके साथ छेड़खानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश का है और उस समय का है जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. वीडियो के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि सपा कार्यकाल के दौरान यूपी में कानून व्यवस्था के बुरे हाल थे, इसलिए जनता को दोबारा योगी आदित्यनाथ को ही चुनना चाहिए. इस दावे के साथ ये वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर काफी वायरल हो रहा है.
वायरल ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
बीजेपी हमेशा से ही समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरती आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कई बार कह चुके हैं कि 2017 से पहले राज्य में गुंडों और माफियाओं का शासन था. सपा शासनकाल में लचर कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश यादव से भी अक्सर सवाल किए जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है, जिसका सहारा लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा गया है.
Fact Check/Verification
रिवर्स सर्च और कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें इस वीडियो को लेकर “द इंडियन एक्सप्रेस” की एक खबर मिली, जिसमें वायरल वीडियो के कुछ फ्रेम्स दिखाए गए हैं. यह खबर 29 मई 2017 को प्रकाशित हुई थी. खबर में बताया गया है कि छेड़खानी की यह घटना उत्तर प्रदेश के रामपुर में 22 मई 2017 को हुई थी.
बतौर रिपोर्ट, पुलिस को इसके बारे में तब पता चला जब कुछ दिनों बाद इसका वीडियो वायरल हुआ. यह रामपुर के कुआं खेड़ा गांव का मामला था. छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
यहां गौर करने वाली बात यह है कि घटना 22 मई 2017 की है. योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ 19 मार्च 2017 को ली थी. यानी कि यह घटना सपा नहीं बल्कि बीजेपी कार्यकाल की है.
‘फर्स्टपोस्ट’ और इंडिया टुडे की खबरों में भी इस घटना को 22 मई 2017 का बताया गया है. ‘आज तक’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़िता अपने भाई के साथ बाजार गई थी और वापस लौटते समय वे एक पेट्रोल पंप पर रुके थे. इस दौरान जब लड़कियां टॉयलेट के लिए पास के जंगल में गईं, तब उन्हें इन मनचलों ने छेड़ना शुरू कर दिया था.
यूपी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन घटना के बाद योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पर सवाल उठने लगे थे.
Conclusion
कुल मिलाकर यहां यह बात स्पष्ट हो जाती है कि योगी कार्यकाल में हुई इस घटना को अखिलेश कार्यकाल का बताकर गलत दावा किया जा रहा है.
Result: Misleading/Partly False
Sources
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.