Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने किसी आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने पर आरक्षण खत्म करने की बात कही थी.
21 जुलाई को घोषित हुए राष्ट्रपति पद के परिणामों में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को जीत हासिल हुई है. देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कुल 4754 वोट पड़े थे, जिनमें से 53 अवैध पाए गए, बाकि बचे 4701 वोटों में से एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को प्रथम वरीयता के 2824 प्राप्त हुए, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को प्रथम वरीयता के 1877 वोट मिले. इसी के साथ द्रौपदी मुर्मू भारत की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं.
भारत में आजादी के बाद आर्थिक एवं सामाजिक समानता के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति चूंकि आदिवासी समाज से आती हैं, इसी वजह से उनकी जीत के बाद समाज पर इसके असर की भी चर्चा हो रही है. एक तरफ जहां लोग इसे महज एक सांकेतिक सम्मान बता रहे तो वहीं एक धड़ा द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन को आदिवासी तथा वंचित तबके के लिए गौरव एवं सम्मान की बात कह रहा है.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा किया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने किसी आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने पर आरक्षण खत्म करने की बात कही थी.
Fact Check/Verification
डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किसी आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने पर आरक्षण खत्म करने की बात कहे जाने के नाम पर शेयर किये जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. हालांकि, इस प्रक्रिया हमें एक भी ऐसी मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई जिससे वायरल दावे की पुष्टि की जा सके.
इसके बाद हमने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मशहूर किताब ‘Annihilation of Caste’, उनको लेकर प्रकाशित अन्य दस्तावेजों और संविधान सभा की कार्यवाहियों (1, 2, 3, 4) को भी खंगाला, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जिससे कि वायरल दावे की पुष्टि की जा सके.
वायरल दावे के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दलित विचारक, चिंतक और डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लेकर लंबे समय से अध्ययनरत सुनील कदम से बात की. सुनील कदम ने Newschecker को बताया कि, “यह दावा पूरी तरह से गलत है. बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने इस तरह की कोई बात नहीं कही है. हां, उन्होंने यह जरूर कहा था कि जब वंचित और शोषित तबके की महिलाएं उच्च पदों पर पहुंचेंगी तो इसका समाज पर सकारात्मक असर पड़ेगा और वंचित वर्गों के जीवन स्तर में सुधार आएगा. लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि किसी आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने पर आरक्षण खत्म कर दिया जाना चाहिए.”
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किसी आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने पर आरक्षण खत्म करने की बात कहे जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा गलत है. असल में उन्होंने इस तरह की कोई बात ना तो कही थी और ना ही उनकी किसी कृति में ऐसे किसी बयान का कोई जिक्र मिलता है.
Result: False
Our Sources
Newschecker’s telephonic conversation with Sunil Kadam, Dalit Right Activist and Thinker
Newschecker Analysis
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.