शुक्रवार, दिसम्बर 27, 2024
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महिला पुलिसकर्मियों ने बिहार में वृद्ध शिक्षक से की मारपीट, आप नेता ने वीडियो को वाराणसी का बताकर फैलाया भ्रम

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो शेयर कर इसे वाराणसी का बताया जा रहा है.

वायरल दावा

ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.

पूर्व में कई ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जहां पुलिसकर्मियों द्वारा नागरिकों के साथ बर्बरता की जाती है. कई बार ऐसे मामले भी देखने को मिलते हैं, जहां आम नागरिकों द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की गई हो. बीते दिनों सोशल मीडिया पर महिला पुलिसकर्मियों द्वारा एक बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो खासा वायरल हुआ था. यूजर्स वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग की पिटाई को लेकर रोष व्यक्त कर रहे हैं. इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने वायरल वीडियो में दिख रहे बोर्ड के आधार पर इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का बताते हुए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. वायरल दावे को लेकर शेयर किए जा रहे ऐसे ही अन्य ट्वीट्स यहां (1,2) देखे जा सकते हैं.

Fact Check/Verification

वाराणसी का बताकर शेयर किए जा रहे महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग की पिटाई के इस वीडियो की पड़ताल के दौरान हमें सौरभ भारद्वाज द्वारा उद्‌धृत NDTV के ट्वीट में संस्था द्वारा वायरल वीडियो को लेकर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ. बता दें कि लेख में संस्था ने वीडियो को बिहार के कैमूर में नवल किशोर पांडेय नामक वृद्ध की पिटाई का बताया है.

महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो शेयर कर इसे वाराणसी का बताया जा रहा है.
NDTV द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

उपरोक्त लेख से प्राप्त जानकारी की सहायता से ‘Elderly teacher beaten by bihar cops’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढने पर हमें इसी विषय पर Times of India, The New Indian Express, Hindustan Times तथा The Print द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जिनमें इस वीडियो को बिहार के कैमूर का बताया गया है.

वायरल दावे को लेकर पुलिस का पक्ष जानने के लिए हमने बिहार पुलिस का आधिकारिक ट्विटर हैंडल खंगाला. इस प्रक्रिया में हमें बिहार पुलिस द्वारा शेयर किए गए कई ट्वीट्स प्राप्त हुए, जिनमें वीडियो को कैमूर का बताते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को 3 महीने के लिए निलंबित करने की जानकारी दी गई है.

इसके अतिरिक्त, हमें बिहार पुलिस के ट्विटर पेज पर कैमूर पुलिस द्वारा शेयर किए गए कुछ ट्वीट्स प्राप्त हुए, जिनमें उक्त मामले में पुलिसिया कार्रवाई का ब्यौरा दिया गया है. बता दें कि एक ऐसे ही ट्वीट में कैमूर पुलिस ने वीडियो को भभुआ के जेपी चौक का बताया है. इसके साथ ही स्थानीय पुलिस ने एक यूट्यूब वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें आरोपी महिला पुलिसकर्मी ने पूरे मामले को लेकर अपना पक्ष रखा है.

वीडियो में दिख रहे बोर्ड पर लिखे नंबर (0542 7181911) को गूगल पर ढूंढने पर हमें यह जानकारी मिली कि यह नंबर वाराणसी स्थित Heritage Hospital का है. यूं तो कैमूर बिहार में है तथा वाराणसी उत्तर प्रदेश में, लेकिन बिहार के कई सीमावर्ती जिलों के लोग इलाज तथा व्यवसाय आदि कारणों से वाराणसी आते रहते हैं. गौरतलब है कि बिहार के सर्वाधिक विकसित शहर पटना और कैमूर के बीच की दूरी लगभग 195 किलोमीटर है, जबकि कैमूर और वाराणसी के बीच की दूरी 101 किलोमीटर ही है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि वाराणसी का बताकर शेयर किया जा रहा महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग की पिटाई का यह वीडियो, असल में बिहार के भभुआ का है, जहां दो महिला पुलिसकर्मियों द्वारा वृद्ध के साथ मारपीट की गई थी.

Result: Partly False

Our Sources

Media reports
Tweets shared by Bihar Police & Kaimur Police
Newschecker analysis


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Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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