शनिवार, अगस्त 31, 2024
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Fact Check: कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी छात्रावासों को सिर्फ मुस्लिम छात्रों के लिए आरक्षित किए जाने का दावा फर्जी है

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
कर्नाटक सरकार ने सभी सरकारी छात्रावासों को मुस्लिम छात्रों के लिए आरक्षित कर दिया है।
Fact
यह दावा फ़र्ज़ी है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे महेश जैन नामक एक व्यक्ति के वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने सरकारी छात्रावासों को सिर्फ मुस्लिम छात्रों के लिए आरक्षित कर दिया है।

26 अगस्त 2024 को वेरिफाइड एक्स हैंडल द्वारा शेयर किये गए पोस्ट (आर्काइव) में करीब सात मिनट लम्बे वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि, “कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और वहां पर बच्चों की पढ़ाई के लिए 314 सरकारी होस्टल हैं, परन्तु कर्नाटक सरकार ने सभी होस्टल मुस्लिम बच्चों के लिए आरक्षित कर दिए हैं। … सुनिए, एक जैन समाज के छात्र की पीड़ा को और कांग्रेस की इस मुस्लिम परस्ती नीति को, अगर आपको भी समझ आए तो, अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं”

इस वीडियो में खुद को महेश जैन बताता हुआ व्यक्ति जैन समाज के बड़े आचार्यों से अपील करता है कि वे जैन छात्रों की मदद करें। आगे वह कहता है कि ‘कर्नाटक में माइनॉरिटी डिपार्टमेंट के अंतर्गत चलाए जा रहे 314 सरकारी माइनॉरिटी हॉस्टल्स में से एक भी हॉस्टल जैन छात्रों को नहीं मिला है।’ वह आगे दावा करता है कि ‘सभी 314 हॉस्टल्स को मुस्लिम बच्चों के लिए रिज़र्व किया गया है।’

कर्नाटक
Courtesy: X/@maheshyaggyasain

27 अगस्त 2024 को एक अन्य एक्स वेरिफाइड हैंडल ने वीडियो को पोस्ट (आर्काइव) करते हुए लिखा है, “यह देखिए एक कर्नाटक का एक जैन समाज का छात्र महेश जैन अपनी पीड़ा किस तरह से व्यक्त कर रहा है… कर्नाटक में पर बच्चों की पढ़ाई के लिए 314 सरकारी माइनॉरिटी होस्टल हैं, माइनॉरिटी में जैन सिख ईसाई पारसी यहूदी सब आते हैं, परन्तु कर्नाटक सरकार ने सभी माइनॉरिटी होस्टल सिर्फ मुस्लिम बच्चों के लिए आरक्षित कर दिए हैं। यदि इन माइनॉरिटी हॉस्टल में कोई जैन सिख ईसाई या यहूदी समाज का छात्र जाने के लिए आवेदन करता है तो कर्नाटक माइनॉरिटी विभाग उसे रद्द कर देता है सुनिए, एक जैन समाज के छात्र की पीड़ा को और कांग्रेस की इस मुस्लिम परस्ती नीति को, अगर आपको भी समझ आए तो, अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं। और मैं फिर से कहता हूं हिंदुओं जैनों सिखों ईसाइयों यह कांग्रेस तुम्हारी नहीं है यह कांग्रेस सिर्फ उनकी है”

Courtesy: X/@jpsin1

Fact Check/Verification

दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने ‘कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी छात्रावासों को सिर्फ मुस्लिम छात्रों के लिए किया गया आरक्षित’ की-वर्ड को गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें दावे से सम्बंधित कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली। खोजने पर अल्पसंख्यक निदेशालय, कर्नाटक सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ऐसा कोई आदेश हमें नहीं मिला।

जांच में हमने पाया कि अल्पसंख्यक निदेशालय, कर्नाटक सरकार की ओर से कर्नाटक प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिए 314 सरकारी छात्रावास चलाये जा रहे हैं, जिसकी लिस्ट यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है।

Courtesy: Directorate of Minorities, Karnataka Government.

ज्ञात हो कि कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1994 की धारा 2 (डी) के तहत कर्नाटक सरकार द्वारा मुसलमान, ईसाई, जैन, बौद्ध, सिख और ज़ोरास्ट्रियन (पारसी) समुदायों को “अल्पसंख्यक समुदाय” घोषित किया गया है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि कर्नाटक प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिए चलाये जा रहे सरकारी छात्रावासों में प्रवेश के लिए इन सभी समुदाय के छात्र योग्य होने चाहिए।

स्टेट हॉस्टल पोर्टल, कर्नाटक सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए यूज़र मैनुअल में एप्लीकेशन फॉर्म के साथ आवेदनकर्ताओं को आवेदन का तरीका समझाया गया है। यूज़र मैनुअल के पृष्ठ-15 पर हमने देखा कि धर्म (religion) के अंदर हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन जैसे विभिन्न विकल्प दिए गए हैं।

State Hostel Portal, Karnataka Government.

जांच में आगे हमने अल्पसंख्यक निदेशालय, कर्नाटक सरकार के जॉइंट डायरेक्टर श्री महमूद एस. से इस विषय पर बात की। फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने वायरल दावे को फ़र्ज़ी बताया। उन्होंने इस दावे का खंडन किया है कि अल्पसंख्यक निदेशालय, कर्नाटक सरकार की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाये जा रहे 314 सरकारी छात्रावासों को सिर्फ मुस्लिम छात्रों के लिए आरक्षित करने का फैसला लिया गया है।

पड़ताल के दौरान हमने अल्पसंख्यक पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास, जयनगर, नेलमंगला टाउन, बेंगलुरु रूरल के वार्डन श्री कृष्णा एम. आर से इस विषय पर फ़ोन पर बात की। उन्होंने भी सरकारी छात्रावासों को सिर्फ मुस्लिम छात्रों के लिए आरक्षित करने के दावे को फ़र्ज़ी बताया और कहा कि उनके हॉस्टल में मुस्लिम, ईसाई और जैन छात्र हैं। उन्होंने बताया कि छात्रावास में मुस्लिम और ईसाई बच्चे अधिकता में हैं और जैन समुदाय से सिर्फ एक ही छात्र है। इसकी वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि जैन समुदाय के बच्चों के आवेदन नहीं आने के कारण उनके हॉस्टल में जैन समुदाय के बच्चों के लिए आरक्षित 4-5 स्थान रिक्त हैं।

अल्पसंख्यक पोस्ट मैट्रिक गर्ल्स हॉस्टल, कंतनकुंटे, डोड्डाबल्लापुरा, बेंगलुरु रूरल की वार्डन श्रीमती राधमनी ने फोन पर हुई बातचीत में वायरल दावे का खंडन किया। उन्होंने बताया कि उनके हॉस्टल में भी जैन छात्रों के लिए आरक्षित सीटें इसलिए रिक्त हैं, क्योंकि जैन समुदाय के किसी बच्चे का आवेदन उन्हें नहीं मिला है।

Conclusion

जाँच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि कर्नाटक सरकार द्वारा सभी सरकारी छात्रावासों को मुस्लिम छात्रों के लिए आरक्षित किये जाने का दावा फ़र्ज़ी है।

Result: False

Sources
Official website of Directorate of Minorities, Karnataka Government.
State Hostel Portal, Karnataka Government.
Phonic conversation with Joint Director, Directorate of Minorities, Karnataka Government, Sri.Mahimood S.
Phonic conversation with Warden of Minority Post Matric Boys Hostel, Jayanagara, Nelamangala Town, Sri. Krishna M R.
Phonic conversation with Warden of Minority Post Matric Girls Hostel, Kantankunte, Doddaballapura, Smt. Radhamani 

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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