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फैक्ट चेक: ढाका में जमात-ए-इस्लामी की एक साल पुरानी रैली का वीडियो कोलकाता का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्लेआम का जश्न मनाने के लिए मुस्लिमों ने कोलकाता के ‘पार्क सर्कस’ में जुलूस निकाला।
Fact
यह वीडियो भारत का नहीं है।

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद अल्पसंख्यकों और पुरानी सरकार के समर्थकों पर हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया है कि कोलकाता के ‘पार्क सर्कस’ में मुस्लिमों ने बांग्लादेश में हुए हिंदुओं के कत्लेआम का जश्न मनाते हुए जुलूस निकाला है। हालंकि, जांच में हमने पाया कि यह जून 2023 में ढाका में आयोजित ‘जमात-ए-इस्लामी’ की एक रैली का वीडियो है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 1 मिनट के वीडियो में भारी भीड़ के साथ निकल रहे जुलूस में शामिल अधिकतर लोगों के सिरों पर सफ़ेद टोपी नजर आ रही है। वीडियो को शेयर (आर्काइव) करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “यह जुलूस कल पार्क सर्कस कलकत्ता के सबसे पोश इलाके में मुस्लिमो ने निकाला है!वे बांग्लादेश में इस्लामिक शासन और जमात के पुनरुत्थान और हिंदुओं के कत्लेआम का जश्न मना रहे हैं। ये वही आपके आसपास रहने वाले मुस्लिम है जिन लोगो के साथ आप रोज उठते बैठते है काम धंधा करते है।”

Courtesy: X/@hindugi

पढ़ें: हाथरस में एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ का वीडियो बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार का बताकर हो रहा शेयर

Fact Check/Verification

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कुछ की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें इस दावे की पुष्टि करती कोई रिपोर्ट नहीं मिली। वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह वीडियो हमें 11 जून 2023 के एक पोस्ट में नजर आया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि पुराना है।

उर्दू में लिखे पोस्ट का हिंदी अनुवाद है, “ये सच है कि विचारधारा कभी नहीं मरती, कुर्बानियों, जेलों, फाँसियों के बाद अगर दृढ़ता दिखाई जाए तो ये नज़ारे देखने को मिलते हैं। आज 10 साल बाद जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश को ओपन गैदरिंग की इजाज़त मिल गई है। अमीर जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश डॉ. शफीकुर्रहमान 2022 से बिना किसी ट्रायल के जेल में सजा काट रहे हैं, जबकि डॉ. सैयद अब्दुल्ला मुहम्मद ताहिर, नायब अमीर जमात की पूरी संपत्ति हसीना वाजिद ने ज़ब्त कर ली है। ऐसा लगता है कि आज पूरा ढाका जीवंत हो उठा है। ये सिर्फ़ एक वीडियो नहीं बल्कि दशकों की कुर्बानियों के बाद का नज़ारा है अल्लाहु अकबर। (अनुवादित)”

दावे पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने संबंधित की-वर्ड्स को गूगल पर सर्च किया। 10 जून, 2023 को बीबीसी और समकाल द्वारा यूट्यूब पर प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने दस साल बाद ढाका में रैली आयोजित की थी।

इस मामले पर 10 और 11 जून 2023 को प्रकाशित ढाका ट्रिब्यून, डेली स्टार और प्रोथो मोलो की रिपोर्ट से जानकारी मिलती है कि जमात-ए-इस्लामी की ढाका मेट्रोपॉलिटन उत्तर और दक्षिण शाखाओं को ढाका में रैली आयोजित करने के लिए पुलिस से इजाजत मिल गई थी। यह रैली कमोडिटी की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने, अमीर शफीकुर रहमान सहित राजनीतिक नेताओं की रिहाई और एक गैर-पक्षपातपूर्ण सरकार की स्थापना की मांग को लेकर थी। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि करीब एक दशक बाद जमात-ए-इस्लामी पार्टी ने ढाका में रैली की थी।

पढ़ें: Fact Check: विधानसभा चुनाव के लिए हरियाणा कांग्रेस ने नहीं जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट, फर्जी दावा वायरल

Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वायरल हो रहा वीडियो कोलकाता का नहीं, बल्कि एक वर्ष पूर्व बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आयोजित हुई जमात-ए-इस्लामी की एक रैली का है।

Result: False

Sources
Social Media Post
Report by BBC on 10th June 2023.
Report by Protho Malo on 11th June 2023.

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