Authors
Claim
यह वीडियो प्रियंका गांधी की नामांकन रैली का है.
Fact
यह वीडियो साल 2019 में ही इंटरनेट पर मौजूद है और इसमें दिख रहे दृश्य कासरगोड के हैं.
वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रियंका गांधी के नामांकन के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग हरे झंडे लहराते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को प्रियंका गांधी की नामांकन रैली का बताकर शेयर किया जा रहा है.
बीते बुधवार को वायनाड लोकसभा उपचुनाव 2024 के लिए प्रियंका गांधी ने अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान प्रियंका गांधी के साथ उनकी मां सोनिया गांधी, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके भाई राहुल गांधी भी मौजूद रहे. नामांकन से पहले प्रियंका गांधी ने रोड शो भी किया. इस चुनाव में प्रियंका गांधी के सामने एलडीएफ उम्मीदवार सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास उम्मीदवार हैं.
वायरल वीडियो 45 सेकेंड का है, जिसमें हरे झंडे लहराते और नारेबाजी करते हुए कुछ लोग दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान वे लोग राहुल गांधी और यूडीएफ जिंदाबाद के नारेबाजी करते हुए सुनाई दे रहे हैं. वीडियो में कुछ लोग कांग्रेस के झंडे लिए हुए भी दिखाई दे रहे हैं.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा हुआ है “वायनाड में प्रियंका वाड्रा की रैली पर गौर कीजिए. भगवा तो छोड़िए, कोई तिरंगा भी नहीं मिल रहा. हर जगह हरा झंडा लहरा रहे है. कांग्रेस ऑफिशियल एक पाकिस्तान प्रेमी मुस्लिम पार्टी है इनसे देशभक्ति की उम्मीद करना बेकार है”.
Fact Check/Verification
Newschecker ने 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस वीडियो की पड़ताल की थी, तब भी इसे वायनाड का बताकर शेयर किया गया था. हमने अपनी जांच में वीडियो को ध्यान से सुनने पर पाया था कि इसमें सतीशचंद्रन और उन्नीथन के नारे लगाए जा रहे थे. संबंधित कीवर्ड को गूगल सर्च करने पर हमें द हिंदू की वेबसाइट पर इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली थी, जिसमें बताया गया था कि 2019 लोकसभा चुनाव में कासरगोड लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार राजमोहन उन्नीथन को जीत मिली थी. साथ ही हमने यह भी पाया था कि वीडियो में दिख रहे झंडे कांग्रेस की सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के हैं.
इसी दौरान हमें एक X यूजर द्वारा 25 मई 2019 को ट्वीट किया गया यह वीडियो भी मिला था.
इसके अलावा हमें वीडियो में अरमना सिल्क्स का बोर्ड भी दिखाई दिया था. जब हमने उक्त दुकान को गूगल मैप्स पर खंगाला तो हमें वह कासरगोड में मिला. आप नीचे मौजूद तस्वीर से यह समझ सकते हैं.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो साल 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है और इसमें मौजूद दृश्य कासरगोड के हैं.
Result: False
Our Sources
X Post By RajivMessage accounty on May 25, 2019
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