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AI/Deepfake
Claim
पीएम मोदी के आधिकारिक सरकारी निवास “राजमहल” की पहली झलक.
Fact
यह वीडियो असल नहीं, बल्कि इसे एआई की मदद से तैयार किया गया है.
बीते दिनों आम आदमी पार्टी ने एक आलीशान घर का वीडियो इस दावे से शेयर किया कि पीएम मोदी के आधिकारिक सरकारी निवास “राजमहल” का पहला दृश्य जनता के सामने आया है.
गौरतलब है कि भाजपा, दिल्ली सीएम के आवास को शीशमहल कहती है. बीजेपी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने सीएम रहते हुए रेनोवेशन पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. इतना ही नहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई को पत्र लिखकर सीएम हाउस रेनोवेशन मामले की जांच की भी मांग की थी.
बीजेपी के इस जुबानी हमले के बाद आम आदमी पार्टी ने भी पलटवार किया. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीते दिनों प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि भाजपा, दिल्ली मुख्यमंत्री आवास के बारे में प्रचार कर रही है, जबकि दिल्ली में प्रधानमंत्री का राजमहल है जो 2700 करोड़ रुपए में बना है. संजय सिंह ने इस दौरान यह भी कहा कि पीएम ने फैशन डिजाइनर्स को फेल कर दिया है. दिन में तीन-तीन बार कपड़े बदलते हैं, 10-10 लाख की पेन रखते हैं, 6700 जूते की जोड़ियां, 5000 सूट हैं. उनके आवास में 300 करोड़ रुपए के कालीन बिछे हैं और 200 करोड़ रुपए का झूमर लगा हुआ है.
इसके बाद आम आदमी पार्टी ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें लगभग इसी तरह के दृश्य दिखाए गए हैं, जैसा आप नेता संजय सिंह ने दावा किया. आम आदमी पार्टी ने इस वीडियो को X पर शेयर करते हुए लिखा कि “राजमहल का Video पहली बार आया जनता के सामने, क्या इसलिए ही राजमहल के दरवाज़े जनता के लिए नहीं खोले जाते?”
Newschecker ने सबसे पहले ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के तहत बनाए जाने वाले प्रधानमंत्री आवास की डिजाइन को देखा. इस दौरान हमें वायरल वीडियो जैसी कोई समानता देखने को नहीं मिली और ना ही इस तरह का कोई प्रस्तावित वीडियो मिला.
वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर हमें करीब 2 मिनट 20 सेकेंड पर अमेरिकन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी Open AI का लोगो दिखाई दिया. जिससे इस वीडियो के एआई जेनरेटेड होने का संदेह हुआ.
हमने इस वीडियो को मिसइनफार्मेशन कॉम्बैट एलायंस (MCA) की डीपफेक एनालिसिस यूनिट (DAU) को भेजा, जिसका न्यूजचेकर भी हिस्सा है.
डीएयू ने वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को हाइव के एआई डिटेक्टर टूल पर अपलोड किया. इसने यह संभावना जताई की यह वीडियो AI-वीडियो बनाने वाले मॉडल सोरा (Sora), हैलुओ (Hailuo) और स्टेबल डिफ्यूजन (Stable Diffusion) से तैयार किया गया है. आप इन रिजल्ट्स को नीचे देख सकते हैं.
डीएयू ने वीडियो में दिख रही कई विसंगतियां भी नोटिस की. जैसे वीडियो में दिख रहे पौधे काफी अप्राकृतिक हैं और चिमनी से निकल रही आग भी असली नहीं प्रतीत हो रही है. इसके अलावा, वीडियो में मौजूद चश्मे के आकार भी बदलते दिखाई दे रहे हैं और वीडियो के 33 सेकेंड पर दिखने वाले जूते भी काफी अजीब हैं.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो असली नहीं, बल्कि एआई की मदद से तैयार किया गया है.
Our Sources
Analysis from DAU on Video
No such videos avilable on credible sites
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Runjay Kumar
March 21, 2025
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