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AI/Deepfake
Claim
बिलियेनर मुकेश अंबानी, न्यूज एंकर रविश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी ने किया इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट का प्रचार.
Fact
इस एडिटेड वीडियो में मौजूद ऑडियो एआई जेनरेटेड है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें बिलियेनर मुकेश अंबानी, न्यूज एंकर रविश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी एक स्कैम इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट का प्रचार करते नजर आ रहे हैं.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो एडिटेड है और इसमें मौजूद ऑडियो एआई जेनरेटेड हैं. अलग-अलग कार्यक्रमों के वीडियो में फर्जी ऑडियो जोड़कर इसे तैयार किया गया है.
वायरल वीडियो स्पॉन्सर्ड पोस्ट के रूप में इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया था. जब हमने पोस्ट पर क्लिक किया तो पता चला कि विज्ञापन वाला पोस्ट, मूल रूप से “विलियम मिलर” नामक फेसबुक अकाउंट से शेयर किया गया था.
वीडियो में बिलियेनर मुकेश अंबानी, न्यूज एंकर रविश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी एक इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट का विज्ञापन और उसे प्रोमोट करते नजर आ रहे हैं, जिसमे निवेशकों (इन्वेस्टर्स) को सिर्फ 22000 रुपए इनवेस्ट करने पर करीब 40 लाख रुपए मिलने की बात की गई है. इतना ही नहीं, इस वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि ये सरकार से प्रमाणित स्कीम है और इसमें निवेश किए जाने वाले पैसे पूरी तरह से सेफ हैं.
हालांकि, इस स्पॉन्सर्ड पोस्ट के लिंक को हम यहां संलंग्न नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि यह पोस्ट उक्त अकाउंट के फीड में भी नहीं दिखता है. इसलिए हम पूरे पोस्ट की स्क्रीन रिकॉर्डिंग नीचे संलग्न कर रहे हैं.
वीडियो में सबसे पहले बिलियेनर मुकेश अंबानी इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट का प्रचार करते हुए अंग्रेजी में कहते हैं कि “इस प्रोजेक्ट में सिर्फ 22000 रुपए जमा करने पर जीवन भर इनाम मिलते रहेंगे. यहां पैसे पूरी तरह से सेफ हैं और आप कभी भी इन पैसों को निकाल सकते हैं.” इसके बाद रविश कुमार कहते हैं कि “मुकेश अंबानी ने यह मौका आप लोगों के लिए उपलब्ध कराया है, जहां आप 22000 रुपए जमाकर 40 लाख रुपए बना सकते हैं.”
इसके बाद वीडियो में संलंग्न लिंक पर क्लिक करने पर हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया का एक कथित आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में भी उक्त इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट Quantum AI के बारे में बताया गया था. “Receive a passive income of 4,000,000 per month with an investment of just 22,000, supported by the government through a licensed investment platform” हेडिंग के साथ मौजूद इस आर्टिकल में प्रधानमंत्री मोदी का भी एक वीडियो शामिल था.
वीडियो में वे भी अंग्रेजी में कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि “मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि जिन भी लोगों ने इन प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया है उन सभी को करीब 40 लाख रुपए मिलेंगे. हमने इस प्रोजेक्ट के लिए मुकेश अंबानी और देश के कई बिलेनियरों से साझेदारी की है”.
पड़ताल के दौरान वीडियो को पूरा देखने और सुनने पर पता चला कि तीनों शख्स मुकेश अंबानी, रविश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग एक ही तरह की बातें कह रहे हैं. यानी सभी के स्क्रिप्ट लगभग एक ही जैसे हैं.
हमने अपनी जांच के दौरान सबसे पहले मुकेश अंबानी वाले वीडियो की पड़ताल की. इस दौरान हमें रिलायंस अपडेट्स के यूट्यूब अकाउंट से 2 जून 2023 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. करीब 16 मिनट के इस वीडियो के शुरूआती हिस्से में ही वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.
इस वीडियो में मुकेश अंबानी ने रिलायंस “फैमिली डे” 2022 के अवसर पर रिलायंस परिवार को संबोधित किया था. उन्होंने अपने पिता धीरूभाई अंबानी, भारत के विकास, अमृत काल के बारे में बातें की थी. हालांकि, उन्होंने कहीं भी किसी ऐसे इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट का ज़िक्र नहीं किया था, जैसा वायरल वीडियो में किया गया है.
हमने जांच में मिसइनफार्मेशन कॉम्बैट एलायंस की डीपफेक एनालिसिस यूनिट (DAU), जिसका न्यूजचेकर भी हिस्सा है, उनसे भी संपर्क किया. उन्होंने मुकेश अंबानी के ऑडियो को अलग-अलग एआई टूल्स से जांचा तो पाया कि यह ऑडियो लगभग एआई जेनरेटेड है. आप नीचे इनके रिजल्ट्स को देख सकते हैं.
इसके बाद हमने वीडियो में मौजूद रविश कुमार वाले हिस्से की भी पड़ताल की. हमने पाया कि असल वीडियो रविश कुमार के यूट्यूब अकाउंट से 3 जुलाई 2024 को अपलोड की गई वीडियो रिपोर्ट से लिया गया है. यह वीडियो रिपोर्ट अदाणी के बारे में आई हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट और सेबी की तरफ से दिए गए नोटिस पर आधारित थी. हालांकि, इस रिपोर्ट में रविश कुमार ने कहीं भी किसी इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट का विज्ञापन नहीं किया था.
हमने पत्रकार रविश कुमार से भी संपर्क किया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि ऐसे बहुत से वीडियो चल रहे हैं और यह मेरा नहीं है बल्कि फेक है.
मुकेश अंबानी वाले ऑडियो की तरह DAU ने रविश कुमार वाले ऑडियो की भी पड़ताल की. अलग-अलग एआई डिटेक्शन टूल्स जैसे हिया एआई वॉयस डिटेक्शन (Hiya) और डीपफेक ओ मीटर (Deepfake-o-meter) ने इसके भी एआई जेनरेटेड होने की संभावना जताई. इनके रिजल्ट्स नीचे देखें.
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने नरेंद्र मोदी वाले वीडियो की पड़ताल की. हमने पाया कि यह वीडियो कोरोना काल के दौरान 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के नाम किए गए संबोधन से लिया गया है. इस वीडियो में उन्होंने कोरोना की वजह से संक्रमित लोगों, मृतकों और दुनिया भर में पड़े इसके प्रभाव का ज़िक्र किया था.
उपरोक्त दोनों ऑडियो की तरह DAU ने इस ऑडियो की भी जांच की तो पाया कि यह ऑडियो भी काफी हद तक एआई की मदद से ही तैयार किया गया है.
जांच में हमने टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर उक्त आर्टिकल को खंगाला. लेकिन हमें ऐसा कोई आर्टिकल नहीं मिला, जिसमें बताया गया हो कि 22000 जमा करने पर 40 लाख रुपए मिलेंगे. इस दौरान हमने वायरल वीडियो के साथ संलंग्न आर्टिकल में लेखक के तौर पर “Daniel Dancea” को भी सर्च किया. हमें इस नाम से कोई कोई भी लेखक टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर नहीं मिला.
इसके अलावा, हमने इस वीडियो को WION के यूट्यूब अकाउंट पर भी खंगाला, क्योंकि पूरे वीडियो में WION का लोगो मौजूद था और इस तरह से प्रस्तुत किया गया था कि जैसे WION ने ही इसे वीडियो रिपोर्ट की शक्ल में प्रसारित किया है. हालांकि, हमें ऐसा कोई वीडियो WION की वेबसाइट पर नहीं मिला.
अपनी जांच में हमने Quantum AI के बारे में पता लगाया. इस बारे में हमें कई आर्टिकल और न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इसे स्कैम बताया गया था. Locknetmanagedit पर प्रकाशित आर्टिकल के अनुसार, Quantum AI एक स्कैम है, जो सेलिब्रिटी के नकली वीडियो के सहारे लोगों को धोखा देता है. स्कैमर्स ने पहली बार 2023 की शुरुआत में एलन मस्क, टकर कार्लसन और मार्क क्यूबन जैसी मशहूर हस्तियों के डीपफेक वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित करके क्वांटम एआई को बढ़ावा दिया. डीपफेक वीडियो में, स्कैमर्स प्रसिद्ध हस्तियों की नकल करने के लिए वॉयस क्लोनिंग तकनीक का उपयोग करते हैं, जिनमें Quantum AI का प्रचार किया जाता है.
हांगकांग में मौजूद न्यूज एजेंसी साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग के सिक्योरिटीज और फ्यूचर्स कमीशन ने धोखाधड़ी वाले क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Quantum AI के बारे में चेतावनी जारी की थी और कहा था कि यह अलग-अलग लोगों के डीपफेक का उपयोग कर प्रचार करता है. सिक्योरिटीज और फ्यूचर्स कमीशन ने हांगकांग पुलिस से Quantum AI से जुड़ी वेबसाइट और सोशल मीडिया पेजों को ब्लॉक करने की मांग की थी.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि असल वीडियो में मुकेश अंबानी, रविश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी ने किसी इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट का प्रचार नहीं किया था. वायरल वीडियो में मौजूद ऑडियो भी एआई जेनेरेटेड हैं.
Our Sources
Video uploaded by Reliance updates YT account on 2nd Jan 2023
Video uploaded by Ravish Kumar YT account on 3rd July 2024
Video Streamed by Narendra Modi Facebook account on 12th May 2020
Telephonic Conversation with ravish kumar
Analysis on viral video from DAU
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