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Common Myth
इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता? उसका दिमाग इतना तेज़ है कि इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है और ये तो तब है कि जब वो अपने दिमाग का सिर्फ 10% ही इस्तेमाल करता है। सिर्फ 10% प्रतिशत!

यह बहुत हैरानी की बात है कि ‘मनुष्य अपने दिमाग का केवल 10 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर पाता है’। लेकिन जब हमने इसके बारे में जब रिसर्च किया तो ये एक मिथ निकला। न्यूरोलॉजिस्ट बैरी गॉर्डन ने ‘केवल 10% दिमाग इस्तेमाल करने वाली बात को हास्यास्पद’ बताया है। गॉर्डन कहते हैं कि हमारा दिमाग हर वक्त सक्रिय रहता है फिर चाहे हम सो ही क्यों न रहे हों। एक दूसरे न्यूरोलॉजिस्ट जॉन हेन्ली का कहना है कि कई सबूत ये साबित कर सकते हैं कि दिन में हम 100 प्रतिशत दिमाग का इस्तेमाल करते हैं। ये केवल एक वहम है कि हम अपने दिमाग का केवल 10% ही इस्तेमाल कर पाते हैं। हालांकि इसकी शुरूआत कहां से हुई ठीक-ठीक कह पाना मुश्किल है। बताते हैं कि 1907 में एक अमेरिकी साइकोलॉजिस्ट विलियम जेम्स ने The Energies of Men नामक एक लेख में यह कहा था कि हम अपनी पूरी मानसिक शक्तियों का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। हांलाकि तब भी कोई प्रतिशत वाली बात नहीं की गई थी।
एक सर्वे के मुताबिक 65% प्रतिशत अमेरिकी इस मिथ को मानते हैं। हमारा दिमाग 10% न्यूरॉन और 90% ग्लयल सेल से बना है, हालांकि वो कौन से सेल हैं जो हमारे दिमाग को सक्रिय करते हैं इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है।
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