Authors
Claim:
आयुष काढ़ा पीने से कोरोना संक्रमित 6 हजार मरीज ठीक हुए।
जानिए क्या है वायरल दावा:
व्हाट्सएप पर इन दिनों ‘आयुष काढ़ा’ को लेकर एक मैसेज वायरल हो रहा है। हमारे आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर एक यूज़र द्वारा वायरल मैसेज की सत्यता जानने की अपील की गई थी। इसमें दावा किया जा रहा है कि आयुष मंत्रालय की ओर से बताए गए विशेष दिव्य काढ़े को कोरोना वायरस के 6 हजार मरीजों पर प्रयोग किया गया। उनमें से मात्र 3 दिन के अंदर ही 5989 मरीज़ नेगेटिव हुए।
Verification:
पूरी दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। देशभर में कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिकों की करीब 90 टीम काम कर रही है। दुनिया भर में कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए कई प्रकार के इलाज चल रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई यह नहीं बता पाया है कि वैक्सीन कब बनकर तैयार होगी। व्हाट्सएप पर वायरल हो रहे दावे को हमने खंगालना आरंभ किया। देखा जा सकता है कि इस दावे को कई यूज़र्स द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है।
पड़ताल आगे बढ़ाते हुए कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने गूगल खंगालना शुरू किया। खोज के दौरान हमें 7 मई, 2020 को India Times और The Logical Indian द्वारा प्रकाशित की गई दो मीडिया रिपोर्ट्स मिली। लेख पढ़ने के बाद हमने जाना कि गुजरात की मुख्य सचिव, जयंती रवि, ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 3585 लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा और 2625 लोगों को होम्योपैथी की दवा दी गई थी। जब इनकी कोविड जांच हुई तो इसमें से केवल 11 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। जयंती रवि ने कहा कि इन 11 लोगों का टेस्ट पॉजिटिव इसलिए आया क्योंकि इन्होंने बताई गई दवा का सेवन सही ढंग से नहीं किया था।
वायरल दावे की पुष्टि करने के लिए हमने ट्विटर खंगालना आरंभ किया। पड़ताल के दौरान हमें 6 मई, 2020 को डीडी न्यूज़ गुजराती द्वारा किया गया ट्वीट मिला। ट्वीट में लिखा गया है कि गुजरात सरकार ने आयुष मंत्रालय के साथ आयुर्वेदिक काढ़े की सक्सेस स्टोरी साझा की, जिसके सेवन से क्वारंटीन में रह रहे लगभग 6000 लोगों को फायदा हुआ। जिन लोगों ने क्वारंटीन में रहने के दौरान काढ़ा पिया, उनका COVID-19 टेस्ट नेगेटिव पाया गया है।
अधिक जानकारी के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से YouTube खोजा। पड़ताल के दौरान हमें ‘DeshGujratHD’ नामक चैनल पर 22 अप्रैल, 2020 को 4 मिनट 33 सेकंड को अपलोड की गई एक वीडियो मिली। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि “जिन 11 लोगों का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था उन्होंने 7 की बजाय केवल 3 दिन तक इस काढ़े का सेवन किया था। वीडियो में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों पर ‘आयुष काढ़े’ का इस्तेमाल किया गया था। यह वो लोग थे जो कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए थे।
अब हमने आयुष मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट को खोजना आरंभ किया। पड़ताल के दौरान हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के संबंध में जानकारी मिली। मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि च्यवनप्राश, हल्दी वाला दूध, आयुर्वेदिक काढ़े के सेवन का ज़िक्र किया है। लेकिन कहीं भी यह नहीं लिखा है कि इस काढ़े के सेवन से नोवल कोरोना वायरस ठीक हो सकता है। यह सब केवल एक उपाय हैं जिससे आप अपनी Immunity Boost कर सकते हैं।
वायरल दावे की तह तक जाने के दौरान हमें Ministry of Ayush द्वारा जारी की गई एक पीडीएफ मिली। जिसमें बताया गया है कि कैसे आप अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए किस-किस चीज़ों का सेवन करना चाहिए। लेकिन कहीं भी यह दावा नहीं किया गया है कि COVID-19 का इलाज मिल गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि आयुष काढ़े से 6000 मरीज़ों के ठीक होने का दावा भ्रामक है। पड़ताल में हमने पाया कि यह काढ़ा उन लोगों को दिया गया था जो कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने के बाद क्वारंटीन सेंटर में थे। Ministry of Ayush द्वारा बताया गया है कि यह काढ़ा आपकी Immunity को बढ़ाता है न कि कोरोना वायरस को मारता है।
Tools Used:
Google Keywords Search
Media Reports
Facebook Search
Twitter Search
YouTube Search
Result: Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)