भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपने चरम पर है। दिन-प्रतिदिन इस वायरस से लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं तो वहीं हजारों की संख्या में लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में दम भी तोड़ रहे हैं। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक अब तक देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 30 लाख के पार हो चुकी है, वहीं मरने वालों का आंकड़ा 2 लाख के पार है।
कोरोना के इन बढ़ते मामलों को देखते हुए अब कुछ यूज़र्स द्वारा सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर 5G टावर की टेस्टिंग से आई है। दावा है कि टावर की टेस्टिंग के दौरान एक रेडिएशन निकलती है जो हवा को जहरीला बना रही है और यही कारण है कि लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं और सरकार ने अपनी विफलता को छुपाने के लिए इसे महामारी का नाम दे दिया है।
वायरल इस दावे को सबसे ज्यादा Sharechat, WhatsApp और ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है।
Sharechat

Sharechat


Fact Check / Verification
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले यह जानने का प्रयास किया कि भारत में 5g टावर की टेस्टिंग कब से शुरू हुई है। सबसे पहले हमें ABP न्यूज़ की वेबसाइट पर 29 जनवरी साल 2021 को छपा एक लेख मिला। जहां यह जानकारी दी गयी है कि Airtel कंपनी ने हैदराबाद में 5G नेटवर्क पेश किया है।

लेख के मुताबिक कंपनी ने वादा किया है कि जब सरकार से उन्हें पर्याप्त स्पेक्ट्रम की मंजूरी मिल जाएगी, उसके बाद उपभोक्ताओं के लिए 5g सर्विस उपलब्ध होगी। इसका अर्थ यह हुआ कि अभी देश में व्यापक तौर पर 5g नेटवर्क की सेवा उपलब्ध नहीं है और साथ ही सरकार द्वारा 5g नेटवर्क के परीक्षण की शुरुआत नहीं हुई है।
प्राप्त खबर के आधार पर हमने यह खोजना शुरू किया कि देश में 5g नेटवर्क की टेस्टिंग कब से शुरू की जाएगी। खोज के दौरान हमें zeenews की वेबसाइट पर 09 फरवरी साल 2021 को छपा एक लेख मिला। जहां जानकारी दी गई है कि अगले साल से देश के नागरिक 5g नेटवर्क की सुविधा का लाभ ले पाएंगे।

इसके साथ ही लेख में यह भी जानकारी दी गयी है कि दूरसंचार विभाग ने देश में 5g का टेस्टिंग प्लेटफार्म अक्टूबर साल 2021 तक तैयार हो सकता है। यानि अभी देश में 5g नेटवर्क की शुरुआत नहीं हुई है।

हमें Financial Express की वेबसाइट पर भी जनवरी साल 2021 की एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। जहां यह बताया गया है कि दूरसंचार कंपनियां अभी भी 5G टेस्टिंग पर सरकार की मंजूरी का इंतजार ही कर रही हैं।

पड़ताल के दौरान हमें PIB फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा किया गया एक पोस्ट भी मिला। जहां वायरल दावे को सरकार ने पूर्णतः गलत ठहराया है।
इन सब के साथ ही-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने भी 5g नेटवर्क को लेकर वायरल हो रहे एक भ्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 5g मोबाइल नेटवर्क से कोरोना वायरस नहीं फ़ैल सकता।

इसके अलावा पूर्व में भी 5G नेटवर्क की टेस्टिंग से हो रहे खतरे को लेकर एक भ्रामक दावा वायरल हुआ था। जिसकी पड़ताल newschecker की टीम पहले ही कर चुकी है।
Conclusion
वायरल दावे की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल दावा गलत है। भारत में अभी 5G टेस्टिंग की शुरुआत व्यापक रूप से नहीं हुई है। इसलिए यह कहना बिल्कुल निराधार है कि भारत में कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी से मरने वाले कोरोना के कारण नहीं बल्कि, 5G नेटवर्क की टेस्टिंग से निकले रेडिएशन से मारे जा रहे हैं।
Result- False
Our Sources
https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1386973448853803009
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in