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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
कोरोना को हराने के लिये चीन ने 10 दिनों में एक हज़ार बेड का अस्पताल बनाया था तो वहीं भारत ने रातों-रात 6370 बेड का आधुनिक अस्पताल तैयार कर लिया है वह भी बेहद कम खर्चे में।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए चीन ने वुहान शहर में चन्द दिनों के भीतर हजार बेड का अस्पताल तैयार कराया था। वायरस के शुरूआती दिनों में चीन का वुहान शहर दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ था। धीरे-धीरे चीन में हालात सुधरते गए लेकिन दुनिया इससे पीड़ित होती गई। एक तरफ जहां यूरोपीय देश इस महामारी से सबसे अधिक त्रस्त हैं तो वहीं भारत में भी हालात चिंताजनक बनते जा रहे हैं। मेडिकल सुविधाओं को लेकर लगातार सोशल मीडिया में वायरल हो रहे कई संदेशों के बीच एक दावा तेजी से शेयर किया जा रहा है। दावे में कहा जा रहा है कि भारत ने चीन से कई कदम आगे बढ़ते हुए रातों-रात 6 हजार बेड से ज्यादा का अस्पताल बेहद कम लागत में तैयार कर लिया है।
कोरोना महामारी का संकट जहाँ यूरोपीय देशों पर कहर बनकर टूटा है तो वहीं भारत भी तेजी से इसके चपेट में आ रहा है। निरंतर नए मामले सामने आ रहे हैं। देश को लॉक डाउन करने के बावजूद बड़ी आबादी वाले इस देश में चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी चिंता का विषय है। आये दिन कई अस्पतालों के स्टाफ लगातार सरकार से मास्क सहित कई जरुरी उपकरणों की मांग करते सोशल मीडिया में दिखाई दे जाते हैं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश में अस्पतालों की संख्या प्रति व्यक्ति काफी निचले स्तर पर है तो वहीं डॉक्टरों की भी भारी कमी है।
वायरल दावे के मुताबिक़ भारत ने रातों-रात 6 हजार से ज्यादा बेड वाले अस्पताल का निर्माण कर लिया है वह भी बेहद कम खर्चे में, इसकी पड़ताल शुरू की। वायरल दावे से मिलते जुलते कुछ कीवर्ड्स डालने पर कई ख़बरों के लिंक खुलकर सामने आये।
कीवर्ड की मदद से मिली ख़बरों में सबसे पहले जागरण की खबर बताती है कि किस तरह से चीन ने कोरोना से निपटने के लिए हैरतअंगेज तरीके से चंद दिनों में 1000 बेड का अस्पताल तैयार कर लिया था। लेख में बताया गया है 200 मशीनें और करीब 500 मजदूरों ने मिलकर इस अस्पताल को बनाना आरम्भ किया था। इस अस्पताल को बनाने में चीन के कई तकनीकी एक्सपर्ट्स ने भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था।
वायरल तथ्य की प्रमाणिकता जानने के लिए बारीकी से खोजने पर आजतक की खबर दिखाई पड़ी। पिछले दिनों 27 मार्च को प्रकाशित लेख में बताया गया है कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए उड़ीसा सरकार 1000 बेड का नयाअस्पताल बनाने पर फोकस कर रही है।
कोरोना से लड़ने की तैयारी में ओडिशा सरकार, बनेगा 1000 बेड वाला अस्पताल
1000 बेड वाला बनेगा अस्पताल कोरोना संक्रमितों का होगा इलाज कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र सरकार समेत सभी राज्य सरकारें अपने-अपने तरीके से तैयारी में जुटी हैं. ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है.
खोज के दौरान ABP गंगा की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना से लड़ने के लिए भारत के 17 राज्यों में अस्पताल बनाए जायेंगे। अस्पतालों को बनाने के लिए हर राज्य तेजी से काम कर रहे है।
Top Ten News 17 राज्यों में कोरोना वायरस से निपटने के लिये बनेंगे अस्पताल…समेत पढ़ें आज की दस बड़ी खबरें
1- भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 716 हो गई है। कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 658 है। 45 लोग ठीक हुए हैं जबकि देश में अभी तक इस वायरस के संक्रमण से 13 लोगों की मौत हुई है। अंतिम तीन मौतें गुजरात, तमिलनाडु और मध्यप्रदेश
गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से खोजने पर कई ख़बरों के लिंक सामने आये।
दैनिक भास्कर के मुताबिक जीवन रेखा ट्रेन साल 1991 में चलाई गई थी। लेख बताता है कि यह पहली चिकित्सा ट्रेन है जो पिछले 28 साल में करीब 12 लाख लोगों को मुफ्त चिकित्सा मुहैया करा चुकी है।
पहली हॉस्पिटल ट्रेन, इसके जरिए 28 साल में 12 लाख लोग मुफ्त इलाज करा चुके
लाइफ लाइन एक्सप्रेस गुरुवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पहुंची 16 जुलाई 1991 से शुरू यह ट्रेन देश के दूरस्थ इलाकों में चिकित्सा सेवा मुहैया कराती है 7 कोच वाली ट्रेन में ऑपरेशन थिएटर, डॉक्टरों के रहने की सुविधा और मेडिकल स्टोर भी है | Lifeline Jeevan Rekha Express: Lifeline Express Train India’s First Hostpital Train Mumbai Chhatrapati Terminus Railway Station
खोज के दौरान PIB हिंदी के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। ट्वीट में बताया गया है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए ‘रेल के डिब्बों को एकांत कोचों के रूप में बदला जाएगा जो आपात स्थिति के लिए उपलब्ध होंगे, आरंभ में 5000 कोचों को बदलने की योजना है’।
.@RailMinIndia ने #COVID19 से बड़े पैमाने पर लड़ने के राष्ट्रीय प्रयासों को चिकित्सकीय सहयोग प्रदान करने की तैयारी की
रेल के डिब्बों को एकांत कोचों के रूप में बदला जाएगा जो आपात स्थिति के लिए उपलब्ध होंगे; आरंभ में 5000 कोचों को बदलने की योजना
▶️https://t.co/ouAoJzkNH0 pic.twitter.com/gfZMs2aHQI
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) March 30, 2020
इस बाबत PIB की वेबसाइट पर प्रेस रिलीज भी खंगाला कि क्या भारत सरकार ने या फिर स्वास्थ्य मंत्रालय ने रातों-रात इस तरह का कोई अस्पताल बनाया है? काफी देर तक खोजने के बाद कहीं भी वायरल दावे से सम्बंधित कोई खबर नहीं मिली।
खोज के दौरान न्यूज़ 18 की खबर मिली जिसमें जीवन रेखा ट्रेन के कोचों की तस्वीर प्रकाशित की गई है। खबर में लिखा गया है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जीवन रेखा ट्रेन में सरकार ने आइसोलेशन वार्ड बना दिया है।
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वायरल दावे पर बारीकी से अध्ययन करने पर पता चला कि देश में फिलहाल रातों-रात 6370 बेड के अस्पताल का निर्माण नहीं किया गया है। साल 1991 में देश की पहली चिकित्सा ट्रेन जीवन रेखा की कुछ बोगियों में आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं।
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