Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim-
इटली में Covid-19 को नियंत्रित करने के सभी उपाय समाप्त होने के कारण प्रधानमंत्री गियुसेप्पे कोंटे ने आत्मसमर्पण कर दिया है ।
जानिए क्या है वायरल दावा-
दुनिया भर में अपने संक्रमण से कहर मचाने वाले कोरोना वायरस ने अब तक विश्व के ज्यादातर देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। चीन के वुहान शहर से निकले इस वायरस से अब तक पूरे विश्व में 22 हज़ार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है, तो वहीं 5 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए सरकारें अपने स्तर पर सामाजिक दूरी कायम कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
मामलों की संख्या में वृद्धि के साथ, विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अफवाह फैलाने वाले संदेशों और वीडियो की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा हैं। जहां एक व्यक्ति की कोट-सूट वाली तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह इटली के प्रधानमंत्री गियुसेप्पे कोंटे है, जो अपने देश की जनता को मरते हुए देख कर निराश हो गए हैं और Coviid-19 को नियंत्रित करने के सभी उपाय समाप्त होने के कारण वायरस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है ।
Verification-
इटली में कोरोना वायरस के कहर को बढ़ता देखकर पूरी दुनिया परेशान है। समाचार एजेंसी Aljajeera पर प्रकाशित लेख के मुताबिक इटली में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 82000 से ज्यादा तथा मरने वालों का आंकड़ा 8 हजार पहुंच गया है। इटली में वायरस का ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यहाँ रोजाना इन आंकड़ों में वृद्धि होती जा रही है।
इटली की इन खबरों को सोशल मीडिया पर शेयर कर दुनिया को वायरस से सावधानी बरतने की जानकारी दी जा रही है। इसी के साथ सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट भी शेयर हो रहा है। जहां दावा किया जा रहा है कि इटली में कोविद -19 को नियंत्रित करने के सभी उपाय समाप्त हो जाने और नागरिकों का इलाज करने में असफल होने के कारण प्रधानमंत्री गियुसिप्पे कोंटे ने वायरस से हताश होकर सरेंडर किया है।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की। पड़ताल के पहले चरण में हमें वायरल दावा सोशल मीडिया पर विभिन्न रूपों में जैसे टेक्स्ट पोस्ट और स्क्रीनशॉट में वायरल प्राप्त हुआ ।
दूसरा चरण – इस दौरान हमने इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसिप्पे कोंटे नाम से गूगल पर खोजा। इस दौरान हमने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट में इटली के प्रधानमंत्री का दावा करने वाली तस्वीर गूगल पर प्राप्त तस्वीर से भिन्न है।
इसके बाद वायरल स्क्रीनशॉट में प्रधानमंत्री का दावा करने वाली तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति का पता लगाने के लिए हमने गूगल पर तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें पता चला कि वायरल तस्वीर वाले व्यक्ति इटली के राष्ट्रपति Sergio Mattarella हैं।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इस बात की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया कि क्या इटली के प्रधान मंत्री ने सच में कोरोना से हताश होकर आत्मसमर्पण किया है ?
इस दौरान हमे ग्यूसिप्पे कोंटे के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ जहां उन्होंने इटालियन भाषा में पोस्ट कर बताया है कि 59 साल पहले एक जुट हुए हमारे देश ने हज़ारों मुश्किलों का सामना किया जैसे विश्व युद्ध और फासीवादी शासन लेकिन इटालियंस हमेशा डटकर पूरी निष्ठा के साथ दोबारा खड़े हुए है और आगे चलते रहें हैं।
159 anni fa veniva proclamata l’Unità d’Italia. Da allora il nostro Paese ha affrontato mille difficoltà, guerre mondiali, il regime fascista. Ma gli italiani, con orgoglio e determinazione, hanno sempre saputo rialzarsi e ripartire. A testa alta.
— Giuseppe Conte (@GiuseppeConteIT) March 17, 2020
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए तथ्यों का बारीकी से अध्ययन किया इस दौरान हमने पाया कि वायरल हो रहा दावा सही नहीं है ।
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.