रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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बर्तनों को चाटकर कोरोना नहीं फैला रहे मुस्लिम समाज के लोग, बोहरा समाज की परंपरा को गलत दावे के साथ किया गया शेयर

Claim:

भारत में कोरोना वायरस फैल नहीं रहा है बल्कि फैलाया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण सामने है। निजामुद्दीन से मिले खाली बर्तनों को चाटकर कोरोना फैलाया जा रहा है।

जानिए क्या है वायरल दावा:

शेयरचैट पर इन दिनों एक मिनट की वीडियो वायरल हो रही है, वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ मुस्लिम युवक मस्जिद के अंदर रखे बर्तनों को चाटकर जूठा कर रहे हैं। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस फैल नहीं रहा है बल्कि फैलाया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण, निजामुद्दीन से मिले खाली बर्तनों को चाटकर कोरोना फैलाया जा रहा है।

Verification:

देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसे में दिल्ली की तब्लीगी मरकज द्वारा आयोजित कार्यक्रम सुर्ख़ियों में है। इसमें देश विदेश से करीब तीन हजार लोग शामिल हुए थे। देश में लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद भी करीब 2 हजार लोग मरकज में रूक गए थे। कार्रवाई के बाद मरकज से निकाले गए कई लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ गये है। वायरल दावे को सोशल मीडिया में कई यूजर्स ने शेयर किया है।

 

कुछ टूल्स की मदद से हमने वायरल वीडियो को InVID की मदद से खंगाला। खोज के दौरान हमें Yandex पर इससे संबंधित कई परिणाम मिले जिसको आप नीचे देख सकते हैं।

खोज के दौरान मिले परिणामों में YouTube और फेसबुक पर अपलोड की गई वीडियो मिली। जांच में हमने पाया कि You Tube पर Khabar Tak नामक चैनल पर 30 जुलाई, 2018 को यह वीडियो अपलोड की गई थी। वहीं फेसबुक पर भी यह वीडियो दो साल पहले पोस्ट की गई थी। उपरोक्त जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि यह वीडियो हाल फिलहाल की नहीं है। 

वायरल वीडियो की तह तक जाने के दौरान हमें Vimeo.com, Scroll.in  का लेख और News Tak की वीडियो मिली। जांच में हमने पाया कि दाउदी बोहरा समाज के लोगों की यह एक परंपरा है जिसमें वो लोग खाना खाने के बाद बर्तनों को चाटकर साफ करने के बाद ही बर्तन धोते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे खाने का कोई भी दाना बर्बाद न हो। 

ट्विटर खोजने पर हमें  Yusuf Unjhawala द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। ट्वीट में यूज़र द्वारा कहा जा रहा है कि बोहरा समाज के लोग जीरो-वेस्टेज फूड पॉलिसी की प्रैक्टिस कर रहे हैं।

वायरल तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 2 साल पुरानी वीडियो को निजामुद्दीन मामले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। पड़ताल में पता चला कि इस वीडियो का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।

Tools Used:

InVID

Yandex

Google Keywords Search

Media Reports

Twitter Search

Result: False 

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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