Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim-
इटली की सड़क पर पड़े है कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के शव और संक्रमण के कारण उन्हें कोई उठाने वाला भी नहीं आ रहा।
जानिए क्या है वायरल दावा –
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया थम गयी है। जिन जगहों पर रोजाना भारी भीड़ हुआ करती थी वहां अब सन्नाटा पसरा है। स्कूल कॉलेज से लेकर दफ्तर तक सब कुछ बंद कर दिया गया है। यहाँ तक कि यात्राओं में भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन से निकले इस वायरस ने सबसे पहले वुहान शहर में आतंक मचाया जहां 3 हज़ार से अधिक लोगों के मरने तथा 80 हज़ार से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की खबर मिली। वहीं चीन के बाद इटली एक ऐसा देश है जहां कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा देखने को मिला। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अब तक इटली में 6 हज़ार लोगों के मरने की खबर है। इसी दौरान सोशल मीडिया पर कई लोगों के एक सड़क पर पड़े होने की तस्वीर शेयर कर बताया जा रहा है कि यह दृश्य इटली का है जहां लोगों के शव जमीन पर पड़े है और कोरोना वायरस से पीड़ित होने के कारण उन्हें कोई उठाने नहीं जा रहा।
Verification-
Worldometers.info नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इटली में कोरोना वायरस से 63 हज़ार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं 6 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मौतों का यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। वायरस के इस कहर को दूसरे देशों को ना सहन करना पड़े इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान सोशल मीडिया पर चलाये जा रहे हैं जिससे लोग वायरस के प्रकोप को कम कर सकें। इसी के साथ सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ जहां कई लोग जमीन पर पड़े हुए हैं। वायरल स्क्रीनशॉट को ट्विटर पर कई लोगों द्वारा शेयर किया गया है।
लोगो को कोरोना मजाक लगता है देखे इटली में इसे उठाने वाला कोई नही please dosto isse majak main naa le or ghar par hi rahe…please let pic.twitter.com/gf6pbzNRju
— Suraj Balodi (@SurajBalodi) March 23, 2020
लोगो को कोरोना मजाक लगता है देखे इटली में इसे उठाने वाला कोई नही #Lockdown को सफल कर अपने ओर अपने परिवार की सुरक्षा करने की कोशिश करे #COVID19 pic.twitter.com/VU7VECYpU2
— Urvah.bearing ❤❤ (@MominUrban) March 24, 2020
लोगो को कोरोना मजाक लगता है देखे इटली में इसे उठाने वाला कोई नही#COVIDIOTS #StayAtHomeSaveLives #COVID19outbreak #CoronavirusOutbreak pic.twitter.com/OCvjYyGyMo
— Sharafat Hussain (@Sharafa10041128) March 23, 2020
वायरल तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने गूगल पर खोजना शुरू किया। जहां सबसे पहले Adobe stock नामक वेबसाइट पर हमें वायरल तस्वीर प्राप्त हुई जहां यह बताया गया कि फ्रैंकफर्ट में लोगो ने पैदल चलने वाली जगह पर लेटकर कंसंट्रेशन कैंप में पीड़ित हुए 528 लोगों को याद किया गया।
People lay down in a pedestrian zone as part of an art project in remembrance of 528 victims of the Katzbach Nazi concentration camp in Frankfurt – Buy this stock photo and explore similar images at Adobe Stock
People lay down in a pedestrian zone as part of an art project in remembrance of 528 victims of the Katzbach Nazi concentration camp in Frankfurt – Buy this stock photo and explore similar images at Adobe Stock
इसके बाद प्राप्त तथ्य की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजा इस दौरान हमें teakdoor.com नामक वेबसाइट पर वायरल तस्वीर प्राप्त हुई यहाँ पर भी उक्त वेबसाइट वाले दावे का जिक्र किया गया है teardoo.com वेबसाइट पर इस तस्वीर को साल 2014 में पोस्ट किया गया था साथ ही इस तस्वीर के शीर्षक में इससे जर्मनी का बताया गया है।
यह तस्वीर scmp.com नामक वेबसाइट पर भी साल 2014 में प्रकाशित प्राप्त हुई, जहां तस्वीर की पुष्टि करते हुए इसे जर्मनी का बताया गया है।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर पता चला कि वायरल हो रही तस्वीर इटली में कोरोना पीड़ितों की नहीं है बल्कि जर्मनी के एक नाटकीय कला की है।
Tools Used
Google Search
Reverse Image Search
Result- Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.