Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
दिल्ली में एक साथ मिले कई कोरोना संक्रमित जमातियों की खबर के बाद से सोशल मीडिया पर जमात से जुड़ीं कई ख़बरें साझा की जा रही हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत में जमातियों के कारण देशभर में कोरोना पीड़ितों की संख्या में कुल 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिसके बाद से भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप का मुख्या कारण जमातियों को बताया जाने लगा। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के सुल्तानपुरी एस ब्लॉक में जमात के 48 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ छिपे मिले।
Fact Check
22 अप्रैल को फेसबुक के The Delhi News नामक पेज पर उपरोक्त बताए गए दावे के साथ तीन मिनट का एक वीडियो प्राप्त हुआ है। वायरल वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की। अपनी पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वीडियो को कुछ कीवर्ड्स और स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से Google पर खोजा। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से मेल खाती हुई एक तस्वीर के साथ Indian public mail नामक वेबसाइट पर एक लेख प्राप्त हुआ। लेख के मुताबिक दिल्ली के सुल्तानपुरी स्थित एक ‘क्वारंटीन सेंटर’ में 199 जमातियों को रखा गया था। जहां बुधवार को एक जमाती की तबीयत अचानक बिगड़ गयी थी जिसके बाद से जमातियों ने हंगामा मचाया था। बाद में स्थिति पर काबू करने के लिए पुलिस को बुलाया गया ।
मामले की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने Google पर खोजा। इस दौरान हमें नई दुनिया नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। जहां वायरल वीडियो से संबंधित एक तस्वीर छपी है। लेख में जानकारी देते हुए बताया गया है कि दिल्ली के सुल्तानपुरी स्थित क्वारंटीन सेंटर में 199 जमातियों को एक साथ रखा गया था। इस दौरान बुधवार को एक जमाती की अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उसे लोक नायक अस्पताल में भर्ती करवाया गया । जिसके बाद से क्वारंटाइन सेंटर में मौजूद जमातियों ने हंगामा शुरू कर दिया।
खोज में हमें लाइव हिंदुस्तान की वेबसाइट पर भी प्रकाशित लेख प्राप्त हुआ। लेख के मुताबिक बुधवार की सुबह एक कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई। क्वारंटीन सेंटर में साथ रह रहे लोगों का आरोप है कि वह डायबिटीज़ का रोगी था। खाना नहीं मिलने से उसकी मौत हुई है। वहीं, जिला प्रशासन ने आरोपों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि वह अस्पताल से कुछ दिन पहले ही शिफ्ट किया गया था।
इसके बाद हमने YouTube पर भी खबर को खंगाला। जहां हमें समाचार टुडे के चैनल पर 22 अप्रैल को अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। जिससे हिंदुस्तान टाइम्स के लेख में दी गयी जानकारी की पुष्टि हो पाई।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए वायरल दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमें पता चला कि वीडियो के साथ वायरल हो रहा 48 कोरोना पॉजिटिव जमातियों के मिलने का दावा भ्रामक है।
Tools Used
- Google Search
- Youtube Search
- Reverse Image Search
Result- Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.