Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर अस्पताल का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। जहां एक मृत मरीज के परिजनों द्वारा अस्पताल प्रशासन पर शव से किडनी निकालने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। वीडियो शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि राजस्थान में कोटा जिला के सुधा नामक अस्पताल में एक कोरोना मरीज के शव से किडनी निकाली गई है।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूज़र्स ने भी वायरल दावे को खूब शेयर किया है।
Fact check / Verification
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो देखने में कुछ पुराना प्रतीत हुआ। जिसके बाद हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। अपनी पड़ताल में हमने वायरल वीडियो को सबसे पहले कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से गूगल पर खोजना शुरू किया। लेकिन खोज में हमें कोई उचित परिणाम प्राप्त नहीं हुए।
इसके बाद हमने कीफ्रेम्स के साथ कुछ संबंधित कीवर्ड्स की भी सहायता ली। इस दौरान हमें यूट्यूब पर वायरल वीडियो india news नाम के चैनल पर मिला। जिसे यूट्यूब चैनल पर 6 नवंबर साल 2018 को अपलोड किया गया था।
खोज के दौराब हमें वायरल वीडियो एक दूसरे Life Light नाम के यूट्यूब चैनल पर भी प्राप्त हुआ। वायरल वीडियो को यूट्यूब पर 3 नवंबर साल 2018 को अपलोड किया गया था।
खोज के दौरान hospital.com नाम की वेबसाइट का एक आर्काइव लिंक मिला। जहां वायरल वीडियो को साल 2018 में प्रकाशित एक लेख में अपलोड किया गया था।
ग़ौरतलब है कि वायरल वीडियो के साथ दावा किया गया है कि वीडियो में दिख रहा मृत व्यक्ति एक कोरोना मरीज है, जिसकी कोटा स्थित सुधा अस्पताल में इलाज के दौरान किडनी निकाल ली गई। लेकिन उपरोक्त मिले सभी तथ्यों से यह साबित हुआ कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है।
कोरोना काल के दौरान भारत की स्वास्थ व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर कई ऐसे भ्रामक दावे खूब वायरल हुए हैं। इनमे से मरीज के शरीर से किडनी निकाल लेने वाला दावा सबसे प्रचलित है।
अभी हाल ही में मुंबई के अस्पताल में कोरोना मरीज के शव से किडनी निकाल लेने का दावा वायरल हुआ था। इस दावे की पड़ताल newschecker की टीम ने की थी। कुछ ऐसे ही वायरल दावों पर newschecker की पड़ताल को नीचे दिए गए लिंक में पढ़ा जा सकता है।
Conclusion
खोज के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल वीडियो की घटना तो सत्य है, लेकिन वीडियो में दिखा रहा मृत व्यक्ति कोरोना मरीज नहीं है। क्योंकि वायरल वीडियो हाल के दिनों का नहीं बल्कि साल 2018 का है, उस दौरान विश्व में COVID-19 का कोई मामला संज्ञान में नहीं था।
Result: Misleading
Our Sources
https://www.youtube.com/watch?v=HfBhDBg62xY
https://www.youtube.com/watch?v=h2BOLWXOOTs
https://hospitalfault.com/sudha-hospital-kidney-scam-corruption/
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.